नई दिल्ली : 19 मार्च 2018 : कहते हैं कि पूत के पाँव पालने में ही नजर आ जाते हैं । इस कहावत को एक बार फिर सच कर दिखाया है अग्रसैन कालोनी हिसार निवासी कुंवर झाम्ब ने जिसे अपनी अकेडमी में प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक की बड़े अकादमियां तैयार है। यहा तक कुंवर के हुनर को देखते हुए उसके पूरे प्रशिक्षण का खर्च भी अकादमियां खुद उठाने को तैयार हैं। साढ़े छह वर्षीय कुंवर सेंट कबीर स्कूल में प्रथम कक्षा का छात्र है।

छह साल की उम्र में स्टार क्रिकेटरों की अकेडमी से कोचिंग का आया ऑफरकुंवर के पिता रवि झाम्ब ने बताया कि उनके पुत्र कुंवर झाम्ब की क्त्रिकेट में बेहद दिलचस्पी है जिसके चलते वह अभी से अपना अधिकतर समय क्त्रिकेट के खेल में ही बिताता है और घटों तक क्त्रिकेट की प्रैक्टिस करता रहता है। क्त्रिकेट के प्रति कुंवर की आत्यधिक रुचि को देखते हुए उन्होंने उसे खुद व हिसार के क्त्रिकेट कोच बलजीत गिरधर से प्रशिक्षण दिलाना शुरू किया लेकिन कोच गिरधर ने बच्चे की विलक्षण प्रतिभा को देखते हुए दिल्ली या कहीं और उसे प्रशिक्षण दिलाने की बात कही ताकि बच्चे की प्रतिभा दबकर ना रह जाए।

रवि झाम्ब ने बताया कि कोच की राय पर वे कुंवर को सहवाग क्रिकेट अकेडमी दिल्ली, मदनलाल क्रिकेट अकेडमी दिल्ली, हैरी क्रिकेट अकेडमी, धोनी क्रिकेट अकेडमी नोएडा, विराट कोहली के कोच राजकुमार शर्मा की अकेडमी व डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ में दिनेश मोंगिया की अकेडमी में लेकर गए जिस पर सभी अकेडमी के कोच ने बच्चे कुंवर की प्रतिभा को देखते हुए उसे  प्रशिक्षण देने की बात कही। इनमें से दो-तीन अकेडमियों ने खुद के खर्च पर कुंवर को प्रशिक्षण देने की बात कही। सभी अकेडमी के कोच ने कि कुंवर के खेल को देखते हुए उम्मीद जताई कि यह भविष्य में एक बड़ा क्रिकेटर बन सकता है।