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उत्तराखण्ड की राजधानी में अभी भी अंग्रेजों का है राज,आखिर आजादी के बाद भी क्यों परेशानी में है लोग

देहरादून। वैसे तो भारत को अंग्रेजों से आजादी 70 साल पहले मिल चुकी है। लेकिन आज भी एक ऐसा स्थान है जहां अग्रेंजो का राज चलता है। आपको बता दे कि दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त  ब्रिटिश सेना ने देहरादून सैन्य छावनी के पास निजी भूमि पर भवन निर्माण में जो रोक लगाई थी वो अभी लागू है।

राजधानी के बीचों बीच स्थित बेशकीमती जमीन होने के बावजूद इसका इस्तेमाल भारतीय लोग नही कर पा रहे है।क्लेमेंटटाउन कैंट से गढ़ी कैंट के प्रेमनगर क्षेत्र के बीच पांच सौ एकड़ में फैली निजी भूमि 1942 में तत्कालीन पूर्व सैन्य कमान के जीओसी इन सी (जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ) ने रोक के आदेश लगाए थे जो आज भी प्रतिबंधित है। इस रोक से कई परिवारों को परेशानी का सामना कर रहे है। प्रतिबंधित इलाके में बने सभी मकान परिषदों के अनुसार अवैंध है। देश की आजादी के बाद भी स्थानीय लोग अग्रेजों की लगाई गई रोक के खिलाफ लगाई लड़ रहे है लेकिन उनका सुनने वाला कोई नही है।

 

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