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‘अक्षत जैन’ का सफल दृढ़ निश्चय, सिविल सर्विस परीक्षा में पाई ऑल इंडिया दूसरी रैंक

“परीक्षा आपसे दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम मांगती है, इसलिए इसमें कामयाबी हासिल करने के लिए मौज-मस्ती और पढ़ाई के बीच एक संजीदा संतुलन होना जरूरी है। अपने जज्बे को कायम रखें खुद पर भरोसा रखें और पूरी लगन से परीक्षा की तैयारी करें तो सफलता आपको जरूर मिलेगी”।ये शब्द हैं इस बार के द्वितीय यूपीएससी ऑल इंडिया टॉपर अक्षत जैन के ।यह राजस्थान की उपलब्धि ही है कि सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2018 में  पहला स्थान भी राजस्थान के ही कनिष्क कटारिया को मिला है जबकि जयपुर के ही रहने वाले अक्षत जैन दूसरे नंबर पर हैं।

आईआईटी गुवाहाटी से इंजीनियरिंग करने वाले अक्षत जैन ने यूपीएससी की परीक्षा में देशभर में दूसरा स्थान हासिल कर परिवार का नाम रोशन किया। उन्हें अपने माता-पिता से देश सेवा का जज्बा मिला। इसी के चलते इंजीनियरिंग छोड़कर उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा और इसे पूरा भी कर के दिखाया। राजस्थान के जयपुर निवासी अक्षत जैन के पिता धर्म चंद जैन भारतीय पुलिस सेवा और मां सिम्मी जैन भारतीय राजस्व सेवा में कार्यरत हैं। दोनों ही 1991 बैच के अधिकारी हैं। अक्षत के परिवार से उसे सरकारी सेवा के प्रति प्रेरणा एक अच्छा आधार मिला।
अक्षत जैन का परिवार मूलरूप से टोंक का रहने वाला है।घर पर माता व पिता को देश सेवा से जुड़ा देखकर उसने भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का फैसला लिया। इसीलिए वर्ष 2017 में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में उसे महज 2 नंबर से नाकामी मिली थी पर दूसरी बार में अक्षत ने ना सिर्फ परीक्षा अच्छी तरह पास की बल्कि देश भर में दूसरी रैंक भी हासिल कर दिखाया ।अक्षय सभी यूपीएससी प्रत्याशियों के लिए एक आदर्श हैं जो कभी ना हार मानते हुए बेहतर से और बेहतर करने की सीख देते हैं।

अक्षत जैन ने दूसरे स्थान पर रहने पर अपनी रणनीति के बारे में कहा कि उन्होंने खुद को कभी रोबोट बना कर पढ़ाई नहीं की, तैयारी के दौरान वो दोस्तों से मिलते या बातचीत करते रहे।सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2018 में  पहला स्थान कनिष्क कटारिया को मिला है जबकि अक्षत जैन दूसरे नंबर पर हैं।आईआरएस की ट्रेनिंग ले रहे जुनैद अहमद ने देश भर में तीसरा रैंक हासिल किया है। वहीं पांचवे स्थान पर रहीं सृष्टि जयंत देशमुख देशभर की महिलाओं में पहले नंबर पर हैं। सफल उम्मीदवारों की जारी हुई लिस्ट के मुताबिक कुल 759 छात्र सफल घोषित किए गए हैं, जिसमें सामान्य वर्ग से 361 छात्र, ओबीसी वर्ग से 209, एससी वर्ग से 128 और एसटी वर्ग से 61 छात्र शामिल हैं। अक्षत की इस उपलब्धि पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उन्हें  ट्विटर के जरिए शुभकामनाएं दी हैं।

 

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