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उत्तराखण्ड के लाल के सिर सजा यूपी की सियासत का ताज़

 

 लखनऊ- उत्तराखण्ड के मूल निवासियों का उत्तर प्रदेश की सियासत बोलबाला हमेशा से रहा है। एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्ता की चाबी पहाड़ के लाल के हाथ लगी है।  योगी आदित्यनाथ का यूपी के नए सीएम होंगे। श्री गोविन्द बल्लभ पन्त ,हेमवती नंदन बहुगुणा  और नारायण दत्त तिवारी के बाद योगी उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड मूल के चौथे मुख्यमंत्री बनेंगे।उनका  असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। अजय सिंह का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी  में हुआ था। उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया। वो गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। वो हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। आज लखनऊ में हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया।

योगी आदित्यनाथ 1998 से लगातार गोरखपुर के सांसद रह रहे हैं। योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने।

योगी ऐसे राजनीति में आए
उनके गुरु अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई।1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने।

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