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उत्तराखण्ड – चुनाव का बिगुल बजा, 15 फरवरी को होगी सत्ता की लड़ाई

नई दिल्ली,Oneindia Hindi- उत्तराखंड की विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं और मौजूदा समय में यहां के मुख्यमंत्री हरीश रावत हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 आगामी 15 फरवरी को होना है। आइए जानते हैं उत्तराखंड विधानसभा के बारे में।

उत्तराखंड की विधानसभा देहरादून में है जिसमें कुल मिलाकर 70 सीटें हैं। उत्तरांखड के मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत हैं, जो राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद 11 मई 2016 को दोबारा प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 आगामी 15 फरवरी को होगा और मतगणना 11 मार्च को की जाएगी। उत्तराखंड चुनाव एक चरण में ही पूरा होगा। उत्तराखंड चुनाव में नोटिफिकेशन की तारीख 20 जनवरी है और नोटिफिकेशन की आखिरी तारीख 27 जनवरी है। नॉमिनेशन की स्क्रूटनी 28 जनवरी को होगी। नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख 30 जनवरी है। इस समय गोविंद सिंह कुंजवाल विधानसभा के स्पीकर हैं और कृष्ण कांत पॉल उत्तराखंड के गवर्नर हैं। आइए जानते हैं उत्तराखंड की राजनीति की अहम बातें।

किस पार्टी के पास कितनी सीटें?

उत्तराखंड में इस समय गठबंधन की सरकार है।

  • इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी)-32
  • भाजपा-31
  • बहुजन समाज पार्टी (बसपा)-3
  • उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी)-1
  • निर्दलीय-3

 

कब रही किसकी सरकार?

उत्तराखंड एक अलग राज्य के रूप में 9 नवंबर 2000 को बना था। इसके बाद राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई। आइए जानते हैं कब किसकी सरकार रही और कौन रहा मुख्यमंत्री।
अंतरिम विधानसभा- यह विधानसभा उत्तराखंड बनने के बाद से 2002 में हुए विधानसभा चुनावों तक रही। इस बीच में नित्यानंद स्वामी (9 नवंबर 2000 – 29 अक्टूबर 2001) और बी. एस. कोश्यारी (30 अक्टूबर 2001 – 1 मार्च 2002) प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस समय काल के दौरान कांग्रेस पार्टी विपक्ष में थी। प्रकाश पंत इस अंतरिम विधानसभा के स्पीकर थे।

पहली विधानसभा- यह विधानसभा 2002 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद बनी, जो 2007 के विधानसभा चुनाव तक चली। इस दौरान भारतीय नेशनल कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी और एन. डी. तिवारी (2 मार्च 2002 – 7 मार्च 2007) प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी थी और यशपाल आर्य विधानसभा के स्पीकर थे।

दूसरी विधानसभा- उत्तराखंड की दूसरी विधानसभा 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बनी और 2012 तक चली। इस दौरान प्रदेश में दोबारा भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई और विपक्ष में कांग्रेस पार्टी रही। इस पूरे कार्यकाल में प्रदेश में दो मुख्यमंत्री बने। पहले बी. सी. खंडूरी (8 मार्च 2007 – 23 जून 2009) मुख्यमंत्री बने और फिर रमेश पोखरियाल (27 जून 2009 – 11 सितंबर 2011) और इनके बाद एक बार फिर से बी. सी. खंडूरी (11 सितंबर 2011 – 13 मार्च 2012) मुख्यमंत्री बने। इस दौरान हरबंस कपूर विधानसभा के स्पीकर थे।

तीसरी विधानसभा- तीसरी विधानसभा 2012 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद बनी और अब 2017 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2012 में दोबारा से इंडियन नेशनल कांग्रेस की सरकार आई। सरकार के पूरे कार्यकाल में अब तक दो मुख्यमंत्री बन चुके हैं। पहले विजय बहुगुणा (13 मार्च 2012 – 31 जनवरी 2014) प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और फिर हरीश रावत (11 मई 2016- अब तक) प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इस दौरान विपक्ष में भारतीय जनता पार्टी रही। इसके अलावा इस कार्यकाल में गोविंद सिंह कुंजवाल विधानसभा के स्पीकर हैं। 27 मार्च 2016 से 12 मई 2016 तक उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू था।

 

क्यों लगाया गया था राष्ट्रपति शासन?

27 मार्च को केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार को बर्खास्त करते हुए राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। इसके बाद काफी समय तक यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चला। आखिरकार 10 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत ने विश्वास मत पेश किया। 11 मई की सुबह परिणाम की घोषणा की गई, जिसमें हरीश रावत के पक्ष में 33 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 28 वोट पड़े।
दरअसल, कांग्रेस के 9 विधायक बगावत करते हुए भाजपा के साथ हो गए थे। इसके बाद भाजपा ने 27 अपनी सीटें और 9 अन्य बागी विधायकों को साथ लेकर 35 सीटें होने पर बहुमत का दावा कर दिया था। इसके बाद 18 मार्च को बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। 19 मार्च को राज्यपाल ने हरीश रावत को बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का वक्त दिया, लेकिन इससे पहले ही हरीश रावत का एक स्टिंग ऑपरेशन जारी हुआ, जिसमें वह विधायकों को करोड़ों रुपए देने का ऑफर देने नजर आए, जिसके बाद 27 मार्च को हरीश रावत द्वार सदन में विश्वास मत हासिल करने से पहले ही उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

2014 के लोकसभा चुनाव का क्या था हाल?

2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटों पर जीत हासिल कर ली थी। आपको बता दें कि उत्तराखंड में लोकसभा की 5 सीटें हैं, जो सभी भाजपा ने जीत ली थीं। कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली थी।

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