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उन्नाव : झोलाछाप डॉक्टर के कारण 21 लोग एचआइवी(HIV) संक्रमण के शिकार

उन्नाव में दस रुपए में इलाज करने वाले झोलाछाप ने कई मासूम जिंदगीयों को लाइलाज बीमारी का शिकार बना दिया। 
लखनऊ : प्रदेश की राजधानी लखनऊ को कानपुर से जोडऩे वाले शहर उन्नाव में झोलाछाप डॉक्टर के कारण बीस लोगों की जिंदगी खतरे के बेहद नजदीक आकर खड़ी हो गई है। यहां पर एक झोलाछाप डॉक्टर के संक्रमित सिरिंज का प्रयोग करने के कारण बीस लोगों में एचआइवी(HIV) का संक्रमण फैल गया है।
उन्नाव के बांगरमऊ में एक झोलाछाप डॉक्टर के कारण 21 लोग एचआईवी संक्रमण के शिकार हो गए। इनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस झोलाछाप डॉक्टर ने एक ही सिरिंज से सभी को इंजेक्शन लगाया था। अभी  तक तो 21 मामले सामने आए हैं, अन्य की भी जांच चल रही है। सभी को कानपुर के एआरटी सेंटर रेफर कर दिया गया है। प्रशासन ने अज्ञात झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराई है।
स्वास्थ्य विभाग ने थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कुछ गांवों में साईकिल पर घूमकर एक झोलाछाप ने लोगों का इलाज किया था। एक ही इंजेक्शन बार-बार इस्तेमाल किया गया, जिससे इन लोगों को संक्रमण हुआ। झोलाछाप से इलाज करवाने वाले कुछ और लोगों में एचआईवी संक्रमण के लक्षण दिखे हैं। इसकी पुष्टि के लिए कई जांचें करवाई जा रही हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ थाने में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर लिखवाई है।
नवंबर-2017 में बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में एक एनजीओ ने हेल्थ कैंप लगाया था। इसमें जांच के दौरान कुछ लोगों में एचआईवी के लक्षण मिले।
काउंसलिंग के दौरान पता चला कि क्षेत्र में लोगों का इलाज करने वाला एक झोलाछाप एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता था। माना जा रहा है कि झोलाछाप ने वह इंजेक्शन किसी एचआईवी पीड़ित को लगाया होगा। इससे उसकी सुई संक्रमित हो गई होगी। फिर वही इंजेक्शन दूसरे मरीजों को लगाने से वे भी इसकी चपेट में आ गए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में लाइलाज बीमारी एचआईवी के बढ़ते मामलों को देख स्वास्थ्य विभाग ने दो सदस्यीय समिति गठित की थी। इस समिति को बांगरमऊ ब्लाक के प्रेमगंज, चकमीरपुर सहित कई बस्तियों में जाकर एचआईवी फैलने के कारणों की जांच के लिये भेजा गया था। उन्होंने बताया कि समिति की रिपोर्ट पर 24, 25 और 27 जनवरी को बांगरमऊ ब्लाक के अंतर्गत तीन स्थानों पर जांच शिविर लगाकर 566 लोगों की जांच करायी। उनमें से 21 मरीज एचआईवी संक्रमित पाये गये। मरीजों को कानपुर स्थित एआरटी सेंटर भेज दिया गया। 

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