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एक रुपए के सिक्के से हुई हाइटेक ट्रेन में लूट और हिल गया भारतीय रेलवे

नई दिल्ली: देश की लोकर ट्रेनों में लूट की वारदात सामने आती है लेकिन अगर आपकों बताया जाए कि एक रुपए की मदद से चोरों ने प्रीमियम ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस लूट ली तो आप जरूर चौक जाएंगे। जी हां  भारतीय रेलवे की शान राजधानी एक्सप्रेस को लूटेरों ने केवल एक रुपए के सिक्के की मदद से लूट लिया । ये  लीट की वारदात को  नई दिल्ली-पटना राजधानी एक्सप्रेस को मुगलसराय डिवीजन के गहमर और भदौरा रेलवे स्टेशनों के बीच अंजाम दिया गया। दानापुर डिवीजन के पीआरओ रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि लुटेरों ने एक रुपए के सिक्के को ट्रैक के जोड़ के बीच फंसा दिया, जिस वजह से सिगनल लाल हो गया।

इसके लिए लुटेरों ने सबसे पहले ट्रैक के ज्वाइंट्स के बीच में पाए जाने वाले रबर इंसुलेटर को शॉर्ट सर्केट के जरिए हटा दिया और उसकी जगह सिक्के को फंसा दिया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक सर्किट हर रेलवे ट्रैक पर होता है, ताकि ट्रैक पर किसी ट्रेन के आंगमन के बारे में पता लग सके। लूट को अंजाम देने वाले 4 मास्टरमाइंडस को पुलिस ने पकड़ लिया है और इनसे पूछताछ जारी है।   इनसे पूछताछ में यह बात पता चली।राजधानी एक्सप्रेस लूटकांड का मास्टर माइंड राजा मियां है। घटना की रात बक्सर से ये लोग डुमरांव पहुंचे और डुमरांव जाने के बाद वहां पर पकड़े गए चारों लुटेरों ने ट्रेन लूटने की प्लानिंग की। जिसके बाद वे ट्रेन से गहमर स्टेशन पहुंचे। जांच में लगे अधिकारियों की मानें तो लूटकांड के सरगना राजा मियां ने पहले से ही तय कर लिया था कि कहां पर ट्रेन में डकैती करनी है। राजा को राजधानी एक्सप्रेस के गहमर सिग्नल से 3 बजकर 30 मिनट पर गुजरने की पूरी जानकारी थी।ज्वा इंट्स पर दोनों पटरियों को इंसुलेटर के जरिए अलग किया जाता है। पटरी का एक छोर बैटरी से जुड़ा होता है, जबकि दूसरा छोर रिले से जुड़ा होता है, जो सिगनल से सीधे तौर पर जुड़ा होता है। जब कोई ट्रेन इंजिन ट्रैक से गुजरता है, उस वक्त ट्रेन के पहिए की वजह से दोनों पटरियों का सर्किट पूरा हो जाता है। इससे सिगनल लाल हो जाता है। सिगनल को हरा सिर्फ रेलवे केबिन के पैनल के जरिए ही किया जा सकता है। इस मामले में पहिए की जगह सिक्के ने यह काम किया।

एक बार पहले भी हुई है कोशिश

बीते वर्ष मिर्जापुर में 1 रु. के सिक्के रखकर सिगनल लाल कर राजधानी एक्सप्रेस को लूटने की कोशिश हुई थी, जिसका खुलासा मुगलसराय जीआरपी के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक त्रिपुरारी पांडेय ने 22 मई 2016 को करते हुए लुटेरों को जेल भेज दिया था।

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