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कप्तान आरुष मलकानी की पारी ने हिमालयन को बनाया अंडर-14 चैंपियन

हल्द्वानी: चकलवा स्थित एमसीजी ग्राउंड में हुए अंडर-14 फाइननल मुकाबले में हिमालयन क्रिकेट एकेडमी ने हल्द्वानी क्रिकेटर एकेडमी को 4 विकेट से मात देकर खिताब को अपने नाम किया। इस मैच में हो सभी देखा गया जो एक इंटरनेशनल वनडे मैच में देखा जाता है। लो स्कोरिंग मैच में बारिश के दखल ने भी मुकाबले के समीकरण को बदला।

 

हल्द्वानी क्रिकेट एकेडमी बल्लेबाजी

पचास ओवर के इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी हल्द्वानी क्रिकेट एकेडमी की शुरूआत खराब रही। ओपनर अभ्युदय ( 3) और सहदेव (4) रन बनाकर पवेलियन लौट गए। सेमीफाइनल की तरह एक बार फिर टीम संभालने की जिम्मेदारी अनिरुद्ध और कप्तान पारितोष राणा पर आ गई। दोनों ने उसी प्रकार से खेला भी। दोनों ने एक बार फिर विकेट गिरने के सिलसिले को तोड़ा और टीम के स्कोर को 50 के पार पहुंचाया।

दोनों अच्छे टच में नजर आ रहे थे लेकिन पारितोष के एक लगत शॉर्ट और आयुष बसेरा के कैच ने पूरा मैच ही बदल दिया। राणा सीधी गेंद को फाइनलेग की ओर खेलने की कोशिश में आयुश बसेरा को कैच थाम बैठे। उन्होंने 13 रनों की पारी खेली और अनिरुद्ध के साथ 32 रनों की साझेदारी की।

कप्तान आरुष मलकानी ने अपने स्पिनरों को दोनों छोर से लगा दिया। इसके बाद एचसीए की कहानी तू आ मै गया जैसी हो गई। अच्छे फॉर्म में दिख रहे अनिरुद्ध क्रॉस खेलने के चक्कर में आरुष मलकानी को अपना विकेट दे बैठे। उन्होंने भी 13 रनों का योगदान दिया । ऐसा लग रहा था कि एचसीए 30 ओवर भी नहीं खेल पाएगा लेकिन एक बार फिर काव्या जोशी विकेट में गिर गए।

उन्होंने रन केवल 14 बनाए लेकिन 71 गेंदों का सामना किया। काव्य के इस टेंपरामेट ने मैदान पर बैठे दर्शक और क्रिकेट एक्सपर्ट को भी अपना दिवाना बना दिया। इस बीच बारिश के चलते मैच को दो घंटे के लिए रोका गया।

उसके बाद मलकानी क्रिकेट मैदान पर मौजूद ग्राउंड स्टाफ ने बारिश रुकते ही मैदान को अधुनिक उपकरणों से सुखाया और मैच फिर से शुरू हुआ। उस वक्त पर एचसीए ने 9 विकेट खो दिए थे। इसके अलावा एचसीए की ओर से कुशाग्र 13, भावेश शून्य,सहज 7 और गौरव ने एक रन बनाया।

एचसीए की पूरी टीम 46.2 ओवर में 116 रन ही बना सकी। गेंदबाजी में हिमालयन की ओर से गेंदबाजी में अभिनव और अभिषेक ने 3-3 तो वही हेमराज 2 और कप्तान आरुष ने एक विकेट अपनी छोली में डाला। अभिनव एक बार फिर सबसे किवायती गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने अपने कोटे के 9.2 ओवर में 6 मेडन डाले। इस बीच उन्होंने केवल 12 रन दिए।

हिमालयन का जवाब

लो स्कोरिंग मैच ने एक बार फिर दर्शकों को नाखुन चबाने में मजबूर किया। 117 रनों के लक्ष्य का पिछा करने उतरे हिमालयन के बल्लेबाज ज्यादा डिफेंसिव मोड में चले गए। रन तो बन रहे थे लेकिन इससे बल्लेबाजों का आत्मविश्वास बिल्कुल नहीं बढ़ रहा था।

हेमराज (22) और रक्षित (15) रन जरूर बनाए लेकिन उनके आउट होने के बाद टीम संकट में आ गई।

एक वक्त पर हिमालयन ने 61 रनों पर अपने चार प्रमुख बल्लेबाजों को खो दिया था। फाइनल में टीम को खिताब तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कप्तान आरुष मलकानी पर आ गई। आरुष को भावेश का शानदार तरीके से साथ मिला और दोनों ने 5 विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत के करीब ला दिया।\

कप्तान आरुष मैच को जल्दी खत्म करने के चक्कर में 32 रनों पर आउट हो गए। इसके बाद हिमालयन ने अभिषेख क का भी विकेट खोया लेकिन उसे मुकाबले के नतीजे पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

भावेश ने संयम से बल्लेबाजी करते हुए टीम को 4 विकेट से जीत दिला दी। उन्होंने 15 रनों की पारी खेली। एचसीए की ओर गेंदबाजी में रविंद्र ने सर्वाधिक तीन विकेट लिए। वही सहदेव को दो विकेट मिले। हिमालयन ने 36.2 ओवर्स में लक्ष्य हासिल किया।

जीत के बाद क्या बोले कोच: हिमालयन के कोच दान सिंह कन्याल ने कहा कि जीत अच्छ अनुभन देती है । इस मुकाबले ने एक बार फिर खिलाड़ियों को सिखाया ही अधिक डिवेंसिव मोड आपको दवाब में डाल सकता है। उम्मीद है कि खिलाड़ियों को ये अनुभव काम आएगा।

वहीं एचसीए के कोच दान सिंह भंडारी , इंदर जैठा और महेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि खिलाड़ियों ने टेपरामेंट जरूर दिखाया है लेकिन हार-हार होती है उसका बहाना नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा इस प्रतियोगिता में उनके लिए काव्य जोशी एक खोज की तरह साबित हुए। उन्होंने अपने धैर्य से दिखाया कि वो कि श्रेणी के बल्लेबाज है। इसके अलावा अनिरुद्ध और पारितोष का प्रदर्शन भी संतोषजन रहा लेकिन उन्हें अपने विकेट की कीमत को जानना होगा। उम्मीद है कि टीम आने वाले मुकाबलों में अपनी गलती से सिखेगी।

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