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कील-मुंहासे का सफाया करेगा होम्योपैथिक फेसवॉश, साहस होम्योपैथिक वीडियो टिप्स

हल्द्वानी: कील मुंहासे(pimples) का होना किशोर अवस्था में हारमोन्स के असंतुलन का कारण माना जाता है | पिम्पल्स के दाग होते है। परंतु वातावरण की गंदगी शरीर में जाने से भी मुंहासे होने लगते है। युवावस्था में चेहरे पर मुंहासे ( Muhanse ),पिंपल्स ( Pimples ),एक्ने ( acne ), छोटे-छोटे दाने फुन्सियां निकलना एक आम बात है अधिकतर कील मुंहासे ( keel Muhanse ) तैलीय त्वचा पर निकलते हैं अत: चेहरे पर क्रीम तेल कोई चिकनाई युक्त पदार्थ न लगाऐं ये हार्मोन की गड़बड़ी, त्वचा की सफाई न करने, पेट की खराबी से भी होते हैं।

 

कील मुंहासे ऐसी ही समस्या है जिसको लेकर लड़किया काफी परेशान रहती हैं क्योंकि यह समस्या आमतौर पर टीनेज और युवावस्था में अधिक होती है। हालाकि अधिक उम्र में भी इस तरह की समस्या परेशान कर सकती हैं। दरअसल, मुंहासे त्वचा में जलन और पिंपल्स ( Pimples ) होने की स्थिति को कहते हैं। इन्हें हाथ से न फोड़ेंने से चहरे पर निशान पड़ जाते हैं। मुंहासे ( Muhanse ) खाने पीने की गलत आदत से भी होते हैं। कारण जब पेट अपना काम सुचारू रूप से नहीं करता जिसकी वजह से जो भी टॉक्सिक बाहर आ जाना चाहियें वो नहीं आ पाता तथा रक्त में जहरीले पदार्थ फैल जाते हैं और वह इस रूप में बाहर निकलते हैं। पिम्पल ( Pimples ) से बचने के लिए ऐसे भोजन जिनमें स्टार्च, प्रोटीन, वसा अधिक हो उनका सेवन न करें । मांस, सफेद चीनी, कड़क चाय, अचार, कॉफी, रिफाइंड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, आइसक्रीम, मैदे से बनी चीजों से बचना चाहिए |

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