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नैनीताल डीएम का सफर, मजदूरी से देश की सबसे बड़ी परीक्षा की कामयाबी तक

नैनीताल: कामयाबी की कोई भी कहानी हो वो युवाओं और पीढ़ी को प्रेरित करने का काम करती है। कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने वाला संयम और परिश्रम सफलता का उदाहरण बनता है। लगता कठिन है लेकिन उसका जज्बा कठिनाई को मात देकर कामयाबी की स्क्रिप्ट तैयार करता है।

dm vinod kumar suman struggle.

नैनीताल के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन की सफलता की कहानी भी आज के युवाओं को प्रेरणा दे सकती है। विनोद कुमार सुमन इंटरमीडिएट करने के बाद अपने ही दम पर मंजिल पाने के जुनून में भदोही (यूपी) से अपने माता-पिता को छोड़कर श्रीनगर गढ़वाल निकल आए और वहां कई महीने मजदूरी करके गुजारा किया।

श्रीनगर में कठिन संघर्ष करके कॉलेज की पहली सीढ़ी ग्रेजुएशन किया और आखिरकार पीसीएस की परीक्षा में सफल हुए। भदोही निवासी विनोद कुमार सुमन ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई विभूति नारायण राजकीय इंटर कालेज ज्ञानपुर (भदोही) से करी। स्नातक में परिजनों ने इलाहाबाद में प्रवेश दिलाया लेकिन उनका मन नहीं लगा। वह सोचते थे कि वहां रहकर प्रशासनिक सेवा में सफल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने पढ़ाई के लिए बाहर जाने की इच्छा जताई लेकिन घर के लोग राजी नहीं हुए। इस पर उन्होंने अपने ही दम पर कुछ करने की ठान ली। बता दें कि साल 2015 में विनोद सुमन अल्मोड़ा के भी  डीएम रह चुके है। विनोद सुमन 2008 बैच के आईएएस हैं। सुमन के पास शहरी विकास, खनन व निदेशक शहरी विकास का जिम्मा था। बताया जा रहा है कि सीएम ने शनिवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को डीएम को हटाने के निर्देश दिए। 

विनोद कुमार सुमन को शनिवार को नैनीताल का डीएम नियुक्त किया गया। नैनीताल के पूर्व डीएम दीपेंद्र चौधरी को अपर सचिव शहरी विकास और निदेशक शहरी विकास की जिम्मेदारी दी है। वो 11 महीने डीएम रहे । उनको पद से हटाए जाने का कारण पारिवारिक बताया जा रहा है। इसके अलावा अपर सचिव खनन अभी किसी को नहीं दिया है।

 

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