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पलायन पर रोने वालों पहले कॉलेजों का ढांचा सुधारों, किराए के कमरे में चल रहा है महाविद्यालय

 

 

भीमताल:नीरज जोशी: पहाड़ों से पलायन पर सरकार अपना गंभीर रूप दिखाने की कोशिश करती है लेकिन असली तस्वीर कुछ और कहती है। लोग पहाड़ों में मूल सुविधाएं ना होने के कारण पहाड़ छोड़ते है। उत्तराखण्ड बने 17 साल हो गए है लेकिन शिक्षा ढांचा पहाड़ी क्षेत्रों में सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। भीमताल के धारी ब्लॉक में एक मात्र महाविद्यालय है परंतु उसकी भी हालात खस्ता है। बता दे धारी के पण्डित पुण्नानंद तिवारी राजकीय महाविद्यालय पचास किमी के क्षेत्र में एक मात्र महाविद्यालय है जिसकी हालात हर दिन खराब होती जा रही है। इंटर कॉलेज के किराए के कमरों में चल रहे इस महाविद्यालय में दूर से बच्चे शिक्षा लेने आते हैं। खुद की सुविधायें ना होने के कराण ये कॉलेज आज भी पीछे ही रह गया है। कॉलेज के वर्तमान अध्य्क्ष ने बताया की यह जो थोड़ी बहुत सुविधायें जो यहां पर है। वो भी छात्रसंघ के प्रयासों से संभव हो पाई है। उन्होंने बताया की कुछ  रोज पहले ही कॉलेज में एम ए के विषयों को लाने के लिए आंदोलन किया गया था परंतु प्रसाशन ने कोई कदम नहीं उठाये। उन्होंने कहा अगर जल्द ही एम.ए स्नात्कोतस्तर के विषय कॉलेज में नहीं आए तो हम बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि कॉलेज का पिछड़ा होना छात्रों के भविष्य के लिए भी खतरनाक है।

वहीं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रेम प्रकाश हल्द्वानी लाइव से हुई खास बात में बताया कि कई सालों से ये महाविद्यालय इन्ही चार कमरों में ही चल रहा है। जिससे बच्चो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अभी दोसापानी में कॉलेज की नई बिल्डिंग का निर्माण तो हो रहा है लेकिन कुछ कारणों से अभी वहाँ शिफ्ट नहीं हो पाए है। कोशिश यहीं है की जल्द बिल्डिंग का निर्माण हो और शिक्षा को सुचारू रूप से फिर से क्रम में लाया जाए।

 

 

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