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पहली बार घर से निकल कर अल्मोड़ा चिडियाघर पहुंचे राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला धौलादेवी के बच्चे

अल्मोड़ा: रा प्रा वि बजेला धौलादेवी अल्मोड़ा के बच्चों ने शिक्षक और अभिभावकों के साथ मिल कर अल्मोड़ा चिडियाघर का भ्रमण किया ।बच्चे पहली बार आज दूरस्थ ग्रामीण परिवेश से इतनी दूर आएं है ,बच्चो के उत्साह ,ऊर्जा और उनकी जीवटता के सामने अच्छे अच्छे वयस्क भी पानी भरते नजर आए।  बच्चो का पैदल यात्रा करना , उफनाई नदी को पार करना , पहाड़ी ढ़लानों पे दौड़ना,वाहन मे उल्टियां करते करते पस्त पड़ना और फिर भी चेहरे पे मासूम मुस्कराहट का होना ये सभी उनकी जीवटता का ही प्रदर्शन करती है।

इसी ऊर्जा और जीवटता का निरंतर प्रदर्शन उन्हें करते रहना होगा,तब ही वे इन विषम भौगोलिक परिस्थितियों से लङ कर सफलता पाएंगे ।बच्चों का उत्साह देखने लायक था ,जानवरों को देख कर उनका आश्चर्यचकित होना और कतुहल प्रकट करना एक अलग प्रश्न उत्त्पन्न करता है कि ये कौतूहलता किस बात की थी – गाँव से पहली बार बाहर आना, जंगली जानवरों को पास से देखना ,या फिर अपने सीमित परिवेश से इतर एक नई दुनिया को देखना ,बहरहाल जो भी हो वो आजबहुत खुश थे और कार्यक्रम शैक्षिक , सामाजिक और आत्मिक दृष्टि से बहुत सफल रहा ।परिस्थितिया जितनी भी नकारात्मक क्यों न हो बच्चों को उनके अधिकार मिलते रहेंगे।

सर्वप्रथम बच्चो ने शिक्षक और अभिभावकों के साथ ज़ू का अवलोकन किया और विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों को देखा जिनमें मुख्य आकर्षण बाघ(लेपर्ड) रहा। बच्चों ने हिरण,घुरड़ ,काकड़ भी देखे।अध्यापक ने बच्चों को बताया की चिड़ियाघर वह संस्थान है, जहाँ जीवित पशु पक्षियों संग्रहीत कर रखा जाता है। लोग इन संग्रहित पशु पक्षियों को सुविधा और सुरक्षापूर्वक देख सकें इसकी भी व्यवस्था की जाती है। यहाँ उनके प्रजनन और चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था होती है।चिदयाघर के मुख्यतः तीन उद्देश्य होते है:-
(1) मनुष्य का मनोरंजन करना,
(2) पशु पक्षियों के आचरण, व्यवहार, चालढाल, प्रकृति आदि का अध्ययन करना ताकि जो पशु पक्षी मनुष्य के लिए अधिक उपयोगी हैं उनकी रक्षा और वृद्धि की जाए और
(3) उनपर कुछ ऐसे प्रयोग करना जिनसे प्राप्त ज्ञान को मानव हित में प्रयुक्त किया जा सके। अद्यापक ने बच्चों को जानवरों के रहन सहन भोजन और प्रकृति मे प्रत्येक जीव की महत्ता के बारे मे बताया(खाद्य श्रृंखला),अध्यापक ने बच्चों को बताया की प्राणी उद्यान में पशु पक्षियों के साथ छेड़खानी करना तथा उन्हें कुछ खिलाना पिलाना सख्त मना है।

तत्पश्चात बच्चों ने चिडियाघर टॉपिक पे चित्रकारी की और अपने अनुभव पर निबंध लिखें ,प्राकृतिक परिवेश मे क्लासरूम से बाहर निकल शिक्षण की यह गतिविधि बच्चो और शिक्षक को बहुत आनंदमय लगी । रेंजर  मोहन राम ने बच्चो को जंगल,वृक्षों और पानी के स्रोतों के बारे मे बताया। कार्यक्रम के अंत मे अध्यापक, अभिभावकों ,बच्चों और, फारेस्ट कर्मचारियों ने मिल कर #स्वच्छ भारत अभियान हेतु चिडियाघर परिसर की साफ सफाई की तथा अन्य आगन्तुकों से सार्वजनिक स्थलों को साफ रखने का अनुरोध किया और कूड़ेदान का प्रयोग करने को कहा।


कार्यक्रम पूर्णतः स्वप्रयोजित था जिसे विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) ने अपने वय से क्रियान्वित किया । इस हेतु विभाग से कोई आवंटन नही हुआ है कार्यक्रम की पूर्व सूचना डिप्टी BEO कार्यलय को दे दी गई है। इस मौके पर ग्राम प्रधान बजेला श्री कृष्ण प्रशाद, SMC अध्यक्ष श्री दरवान सिंह, जगत सिंह,पान सिंह, बिशन सिंह मोहन सिंह,शेर सिंह , गणेश सिंह,दीवान सिंह, भुवन भट्ट, केवल भट्ट व आदि मौजूद रहें।

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