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पिता के काम को बेटियों ने दी उड़ान, ये कर पेश की मिसाल

नई दिल्लीः नारी सशक्तिकरण को लेकर हम बात तो करते पर क्या हम नारी शक्ति को नारी का अधिकार मानते है। ये एक बड़ा सवाल खड़ा करता है पर इरादे अगर नेक हो तो क्या नहीं हो सकता है । इस सवाल का उत्तर खुद दो बहनो ने दिया है गोरखपुर के एक गांव में दो बहने नेहा और ज्योति करीब पॅाच साल से जेंट्स सलून चला रही है । जिसको लेकर दोनों बहनों को काफी परेशानी उठानी पड़ी । दरसल पिता को लकवा मारने के कारण घर की पुर्ण जिम्मेदारी दोनों बहनो के उपर आ गई थी । घर का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया था।
जिसके बाद दोनो बहनों ने जेंट्स सलून खोल अपने घर की जिम्मेदारी उठाई ,पर महनत करने पर भी समाज ने दोनों बहनों की उपेधा करी । जिसके बाद भी नेहा और ज्योति ने हिम्मत नहीं हारी । और जब ये खबर फैलती गई तो कई लोग भी नेहा और ज्योति के साथ खड़े हुए । 18 वर्ष की ज्योति 13 साल की उम्र से ये काम कर रही है। दोनों बहनों का ब्युटी पार्लर खोलने का सपना था । पर अब दोनों बहने अपने जेंट्स सलून को ही चलाना चाहती है । नेहा और ज्योति का मानना है कि आज उन्हें जो भी पहचान मिली है जेंट्स सलून से ही मिली है वे अब अपने इसी काम से खुश है ।

आज हर व्यक्ति नेहा और ज्योति को नारी सशक्तिकरण की मिसाल मान रहा है । और साथ ही पुर्ण समर्थन के साथ सम्मानित भी कर रहा है । कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी व प्रशासन की तरफ से च्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय बनवारी टोका गांव स्थित नेहा और ज्योति के निवास में आकर सम्मानित किया । पर उस से भी रोचक बात ये देखी गई की सम्मान के बाद दोनों बहनें नेहा और ज्योति तुरंत अपनी दुकान में काम करती देखी गई । नेहा ज्योति के पिता ने इस सम्मान को अपनी बेटीयों की मेहनत का फल बताया और अपने परिवार के दुखो में मरहम बताया ।
आज हर व्यक्ति नेहा और ज्योति को नारी सशक्तिकरण की मिसाल मान रहा है । और साथ ही पुर्ण समर्थन के साथ सम्मानित भी कर रहा है । कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी व प्रशासन की तरफ से च्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय बनवारी टोका गांव स्थित नेहा और ज्योति के निवास में आकर सम्मानित किया । पर उस से भी रोचक बात ये देखी गई की सम्मान के बाद दोनों बहनें नेहा और ज्योति तुरंत अपनी दुकान में काम करती देखी गई । नेहा ज्योति के पिता ने इस सम्मान को अपनी बेटीयों की मेहनत का फल बताया और अपने परिवार के दुखो में मरहम बताया ।

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