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उत्तराखण्ड में बजट हुआ पेश, भाषण देते हुए बेहोश हो गए वित्त मंत्री प्रकाश पंत

देहरादून: उत्तराखंड की विधानसभा में सोमवार को 2019-2020 का बजट पेश किया गया। जहां एक ओर लोकसभा को देखते हुए बजट पेश किया गया तो वहीं जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड की विधानसभा में शांति का माहौल देखा गया। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने उत्तराखंड के किसानों के पक्ष में और कर मुक्त बजट पेश किया गया। पर बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री की तबीयत खराब हो गई। इस कारण वित्त मंत्री को अपने कमरे में आराम करने भेजा दिया गया। पर तब तक वित्त मंत्री मे आधा बजट पेश कर दिया था। जिसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश किया। वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का 48679.43 करोड़ का बजट पेश किया। जिसमें खेती व किसानी के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने की घोषणा की। यहां 22.79 करोड़ राजस्व सरप्लस का बजट है। कर मुक्त बजट में 9798.15 करोड़ का राजकोषीय घाटा का अनुमान है।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने भगवान राम की स्तुति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे के साथ बजट पर फोकस  किया। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और सुशासन पर जोर दिया गया है। साथ ही बजट में अन्न दाता के कल्याण का भरोसा दिलाया गया है। वहीं, इस दौरान वित्त मंत्री प्रकाश पंत की तबीयत खराब हो गई और वो भाषण पढ़ते हुए बेहोश हो गए। सभी उठ कर उनके पास पहुंचे और उन्हें सदन से बाहर ले जाया गया।सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते हुए सदन में सबसे पहले निधन के निदेश पढ़ा गया। इसके बाद सदन की अन्य कार्यवाही हुई। सदन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। विधायक कारण मेहरा ने मेजर चित्रेश बिष्ट और मेजर वीएस ढौंडियाल को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन स्थगित करने की मांग। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शहिदों को श्रधांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद सदन 12 बजे तक के लिए स्‍थगित हो गया। 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान विपक्ष नदारद रहा। विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत अपराह्न चार बजे वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट को विधानसभा में पेश करेंगे। इससे पहले यह बजट बीते शुक्रवार, यानी 15 फरवरी को पेश किया जाना था लेकिन पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के कारण सदन में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक इस चुनावी बजट में युवाओं, किसानों, महिलाओं, कारोबारियों समेत समाज के तकरीबन सभी तबकों को लुभाने की कोशिश नजर आ सकती है।

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