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पत्थरबाजों सबक सिखाने वाले मेजर को सम्मान , भारतीय आर्मी कर रही है तारीफ

 

 

 नई दिल्ली: कश्मीर के बडगाम में सेना के बचाव में एक कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांधकर ले जाने वाले मेजर को आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत ने सम्मानित किया है। मीडिया में आई खबर के अनुसार  मेजर को प्रशस्ति पत्र और मेडल से सम्मानित किया गया है। इस मामले पर पहले काफी विवाद हुआ था लेकिन बाद में   सेना मेजर नितिन गोगोई को पहले ही क्लीन चिट दे चुकी थी। मेजर ने युवक को बाधने का प्लान पत्थरबाजों से बचने के लिए आजमाया था जिसकी पूरे देश में तारिफ हुई।  युवक को जीप के बोनट से बांधने वाला वीडियो नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने शेयर किया था जिसके बाद बहस छिड़ गई थी।

विवाद के बाद पुलिस ने मामला जरूर दर्ज किया था लेकिन जांच के बाद एक सैन्य अदालत ने जवानों पर होने वाली पत्थरबाजी से बचने के लिए एक युवक को जीप से बांधने वाले सैन्य अधिकारी नितिन गोगोई को क्लीन चिट दे दी थी। सेना ने आर्मी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) द्वारा मामले की जांच कराए जाने का आदेश दिया था।सोशल मीडिया पर कश्मीरी युवक को जीप के बोनेट पर बांधकर इलाके में घुमाने पर खास विवाद छिड़ गया था। लेकिन सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मेजर के इस फैसले की सराहना की क्योंकि इससे बड़ी हिंसा को रोकने में काफी हद तक मदद मिली। अधिकारियों ने मेजर के कदम को उस वक्त लिया गया सही फैसला करार दिया। सेना के मुताबिक जवानों को 500 पत्थरबाजों की भीड़ ने घेर लिया था जिसमें ये युवक फारूक अहमद डार भी शामिल था। काफिले को बचाने के लिए इसे पकड़कर जीप के बोनट से बांध दिया गया।

पिछले महीने 9 अप्रैल को कश्मीरी युवक फारूक अहमद डार को सेना की जीप के आगे बांधे जाने की घटना सामने आई थी। इस घटना का वीडियो क्लिप उमर अब्दुल्ला ने शेयर किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था और इसके खिलाफ भारतीय सेना की काफी आलोचना भी हुई थी।उमर ने उस वीडियो के बाद ये वीडियो शेयर किया था जिसमें चुनाव ड्यूटी से लौटे रहे सेना के जवानों पर स्थानीय युवक बदसलूकी और मारपीट कर रहे थे। वीडियो में दिख रहा था कि युवक सेना के जवानों पर मुक्के और लात बरसा रहे थे। लेकिन जवानों ने संयम बरतते हुए किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। बाद में पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था।

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