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भारत में स्वाइप मशीन को मिलेगी पहचान

मुंबई– नोटबंदी के फैसले के बाद भारत सरकार देश को नई राय देने को तैयार है। पिछले कुछ दिनों से सरकार लोगों से कैशलेस गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर लगा रही है। इसी दिशा में सरकार बाजार में स्वाइप मशीन को हीरो बनाने में जुटी हुई है। इसके लिए सरकार ने बैंकों मे अगले तीन महीने मे 10 लाख स्वाइप मशीन को इंस्टाल करने की बात कह रही है जिससे कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा मिल सके। एसबीआई से 6 मशीन इंस्टाल करने की उम्मीद है। बैंक और मैन्युफैक्चरर्स को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों के मैन्युफैक्चरिंग के सामान पर से एक्साइज ड्यूटी हटा ली है। पीओएस मशीनों के मैन्युफैक्चरिंग को 12।5% एक्साइज ड्यूटी और 4% स्पेशल एडिशनल ड्यूटी (एसएडी) से छूट दी जाएगी।अभी देश में कुल 14।6 लाख पीओएस टर्मिनल्स हैं। 10 लाख आउटलेट्स पर कार्ड से पेमेंट ली जा रही है। दुकानों और बैंकों में यह नेटवर्क तैयार होने में 5 साल का समय लगा है, लेकिन सरकार इसी टारगेट को 3 महीने में हासिल करना चाहती है। एसबीआई की एमडी मंजु अग्रवाल ने कहा, ‘हमने 1 लाख मशीनों का ऑर्डर दिया है। उम्मीद है कि जनवरी तक इसकी आपूर्ति हो जाएगी। हमने 5 लाख और मशीनों के प्रस्ताव की गुजारिश की है।’ एसबीआई ने भी पीओएस मशीनों पर एक्साइज ड्यूटी खत्म करने की मांग की थी, जिसपर सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के एमडी और सीईओ ए.पी होता ने कहा, ‘सरकार 3 महीने में 10 लाख टर्मिनल्स लगाना चाहती है। यदि हम मिशन मोड में काम करें तो इस टारगेट को हासिल किया जा सकता है। इससे पेमेंट के लिए कार्ड यूज को बढ़ावा मिलेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि यह आंकड़ा काफी छोटा है, ब्राजील की जनसंख्या हमारे छठवें हिस्से के बराबर है, लेकिन वहां 50 लाख पीओएस मशीनें लगी हैं। इस अनुपात के लिए हमारे देश में 2।5 करोड़ टर्मिनल्स की जरूरत है।

Source: HindiKhabar

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