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राम गोपाल सपा से बाहर

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में कुछ दिन से काफी हलचल चल रही है। इसी बीच पार्टी के प्रमुख ने एक अपने पुराने साथी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थन में चिट्ठी लिखने वाले रामगोपाल यादव को पार्टी सुप्रीमो ने 6 सालों के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वहीं बर्खास्त किए जाने के बाद शिवपाल यादव ने इशारो-इशारों में रामगोपाल यादव पर निशाना साधा।

शिवपाल ने कहा कि बहुत दिन से पार्टी में गडबड़ी चल रही थी। पार्टी को कमजोर करने के लिए एक बड़ा नेता साजिश रच रहा है। सीबीआई से बचने के लिए लोग पार्इटी बदल कर विरोधियों के साथ मिल रहे है। उन्होंने कहा कि इस नेता ने तीन बार भाजपा के बड़े नेता से मुलाकात की है। अखिलेश इनको समझ नहीं पा रहे हैं और उनकी बात मान कर उसपर चल रहे हैं।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने प्रो. रामगोपाल यादव को षडयंत्रकारी और भाजपा का एजेंट बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रोफेसर साहब के षडयंत्र को नहीं समझ पा रहे हैं। हालांकि रामगोपाल यादव ने शिवपाल की तरफ से लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

शिवपाल ने अपने बयान में कहा है, ‘‘ आप सबने प्रोफेसर साहब का पत्र पढ़ लिया होगा। वह यह सब इसीलिये कर रहे हैं क्योंकि वह भाजपा से मिल गये हैं। रामगोपाल भाजपा के एक बडे नेता से तीन बार मिल चुके हैं। वह ये सब इसलिये कर रहे हैं क्योंकि उनके पुत्र अक्षय यादव एवं पुत्रवधु यादव सिंह घोटाले में फंसे हुये हैं। स्वयं को बचाने के लिये भाजपा के इशारे पर समाजवादी पार्टी को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।‘‘

शिवपाल ने आगे लिखा है, ‘‘ इसे मुख्यमंत्री समझ नहीं रहे हैं, जबकि उन्हें समझना चाहिये कि कौन उनका सगा व शुभेच्छु है। प्रोफेसर साहब हमेशा तिकड़म करते रहते हैं। मैने उनकी तानाशाही व नकारात्मक कार्यों को हमेशा ही पार्टी के सामने उठाया था। अब तो वह अखिलेश सरकार व नेताजी को कमजोर करने पर आमादा हैं।‘‘

पत्र में कहा गया है कि रामगोपाल भ्रष्टाचारियों से मिले हुये हैं। उन्होंने हमेशा नेताजी की उदारता का दुरूपयोग किया है। बसपा राज में अत्याचार के खिलाफ जब सब नेता जेल गये तब प्रोफसर साहब किसी से मिलने नहीं गये। सपा के कार्यकर्ता सरकार बनाने के लिये पसीना बहा रहे हैं लेकिन रामगोपाल ने भ्रम फैलाकर महागठबंधन तुड़वाया।

उन्होंने कहा कि सीबीआई से बचने में लगे लोग गिरोह बना कर गलत काम करने वालों के संरक्षक बने हुए थे। यह बात मुख्यमंत्री को समझ में आनी चाहिए थी, वह समझ ही नहीं रहे हैं। शिवपाल ने कहा कि मुझे बर्खास्तगी की चिंता नहीं है हम चुनाव में जाएंगे। नेताजी ने मेहनत से पार्टी खड़ी की है, उनके नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे हमने पिछला चुनाव नेताजी के नाम पर लड़ा था।

इस बीच, सपा से निष्कासित रामगोपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुये शिवपाल की तरफ से लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे ऊपर किसी तरह का आरोप नहीं है और न ही किसी सीबीआई जांच का हिस्सा हूं। बेटे और बहू का नाम भी किसी भी जांच में नही है।‘‘

गौरतलब है कि सपा महासचिव और सांसद रामगोपाल यादव ने मुलायम को पत्र लिखकर उन लोगों पर भी हमला बोला था जो मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव में सुलह कराने की कोशिश में हैं। यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि जो लोग सुलह कराने में लगे हैं वे जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि अखिलेश यादव ही चुनाव जिताने में सक्षम हैं, जो उनका विरोध करेगा वह चुनाव नहीं जीत सकता।

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