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लालकुआं: पुलिस के गिरफ्त में गो रक्षा सेवा समिति द्वारा पकड़ा गया तस्कर

लालकुआं। गो रक्षा सेवा समिति द्वारा पकडे गये पशु तस्करो में से एक तस्कर को जेल भेज दिया और साथ में पकड़ी गई  महिला को तस्करी में संलिप्त न पाये जाने पर छोड़ दिया।

गो रक्षा समिति द्वारा मंगलवार को पकड़ी तीन गाये समेत पकड़े गए तस्कर जसवीर सिंह को पुलिस ने कार्यवाही कर गोवंश संरक्षण अधिनियम की धारा 3/ 6/11 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 3/11/1घ के तहत जेल भेज दिया और साथ में पकड़ी व महिला को 500 रूपये के लालच में साथ बैठ कर आने से तस्करी में संलिप्त न पाए जाने पर डाट समझाकर छोड़ दिया ओर तीनो गायों को हल्दूचौड़ स्थित गो सेवा समिति के हवाले कर दिया।

पिछले कई महीनों से क्षेत्र में  गो तस्करों की गतिविधिया बढ़ गई थी और  गाड़ियो में ठूस ठूस कर गाय ले जाने  की घाटनाए घटित हो चुकी है। जिसमे कई वाह न हिन्दू संगठनों ने पकड़े उसके बावजूद तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए कि इन पर कोई अंकुश नही लग पा रहा है।
कई महीनों से पशु तस्कर प्रशासन को चकमा देकर ठूस ठूस कर  गायों को अमानवीय तरीको से ले जा रहे हे ।इतनी बेहरमी से गायों को ठूसकर ले जाने वाले गो तस्करो को पुलिस का कोई खौफ नही रह गया है। गो रक्षा समिति के हाथ आये गो तस्कर जसवीर इतना शातिर है की एक दिन पहले ही दो बेल समेत पकड़े जाने पर उसने कृषि योग्य बेल ले जाने  ओर उसकी छोड़ दिया परन्तु अगले ही दिन फिर तीन गाय ले जाता हुआ पकड़ा गया जिसमें इस बार एक महिला को 500 रूपये का लालच दे कर अपने साथ करने को राजी कर लिया ताकि किसी को कोई भी शक न हो ।जसवीर ने बताया कि मात्र छः हजार रूपये प्रति माह की तनख्वाह और वाहन स्वामी को 1200 रूपये चक्कर के हिसाब से मिलते हे जो गाय और बेलो को किच्छा होते हुए उत्तरप्रदेश भेजा जाता है।

भ्रष्टाचार में डूबा शासन-प्रशासन भी पूरी तरह शामिल है। क्षेत्र में जहां कहीं भी गोतस्करी या गोहत्या का मामला प्रकाश में आता है वहां का शासन-प्रशासन आनन-फानन में ले-देकर मामले को रफा-दफा करने में लगजाता है, जिससे गोतस्करों के हौसले और बढ़ते हैं और यह अमानवीय कार्य जारी रहता है। हद तो तब हो गई जब लगातार हिन्दू संगठनों के विरोध करने पर सरकार भले ही न जागी हो, लेकिन गोतस्करों ने अपने काले धंधे का तरीका जरूर बदल लिया है। यही वजह है कि आज किराये के वाहनों और निजी वाहनों यानी कारों तक में गोतस्करी जारी है। प्रभावी कानून के अभाव में ही गोतस्कर प्रशासन की आंख में धूल झोंककर अलग-अलग तरीकों से गोतस्करी को अंजाम दे रहे हैं

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