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कालाढूंगी:वन कर्मियों ने पकड़ा खैर की लकड़ी से भरा पिकअप, तस्कर पिकअप छोड़ हुए फरार

कालाढूंगी: उत्तर प्रदेश में खैर की लकड़ी की बढ़ती मांग बढ़ती ही जा रही है जिसके फलस्वरूप  तस्करी अपने चरम पर है।  कालाढूंगी और आसपास के जंगलों से लगातार खैर के पेड़ कट रहे हैं जो गैर कानूनी तरीके से यूपी भेजे जा रहे है। कालाढूंगी रेंज कर्मी और बरहैनी रेंज कर्मी ने अब तक खैर की लकड़ी से भरे दर्जनों वाहनों को पकड़ चुके हैं। आज शुक्रवार के तड़के तराई केंद्रीय वन प्रभाग की बरहैनी  रेंज की टीम ने गदरपुर पुलिस के सहयोग से खैर की लकड़ियों से भरे एक पिकअप का पीछा कर उसे दबोच लिया। इस पिकअप में खैर के गिलटों को लादकर यूपी ले जाया जा रहा था। गदरपुर पुलिस और बरहैनी रेंज कर्मियों की सतर्कता से इस पिकअप को यूपी बॉर्डर में परवेश से पहले ही दबोच लिया गया। बरहैनी वन क्षेत्राधिकारी रूप नारायण गौतम ने बताया कि गुरुवार की रात्रि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक पिकअप संख्या_ यूए 06 एफ- 9714 में खैर की लकड़ी लादकर बेचने ले जाई जा रही है। जिसके बाद उन्होंने बरहैनी वन चौकी व गदरपुर पुलिस को भी सूचित कर दिया। जिसके बाद गदरपुर पुलिस में एसआई हरिनन्दन जोशी, कपिल कम्बोज, नवीन चन्द्र, बलवन्त सिंह ने नाकेबंदी करदी मौके पर वन कर्मियों ने पहुंचकर उक्त पिकअप  का पीछा करना शुरू कर दिया। अपना घेराव होते देख सकेनिया मोड़ पर पिकअप चालक और अन्य दो लोग पिकअप छोड़ भाग निकले। आरओ गौतम ने बताया कि पिकअप में 17 खैर के गिलटे मिले हैं।  पिकअप को रेंज कार्यालय लाकर सीज कर दिया गया। आरओ गौतम की अगुवाई में गई टीम में राजेन्द्र प्रसाद खुल्बे, प्रदीप कम्बोज, राजेन्द्र आर्या, जय प्रकाश यादव आदि थे।।

तराई केंद्रीय वन प्रभाग के बरहैनी रेंज के वनक्षेत्राधिकारी आरएन गौतम ने अपने कार्यकाल के मात्र तीन सालों में 18 लाख 66 हजार का राजस्व इक्कठ्ठा किया है जो अब तक के सालों से सबसे अधिक है। खनन व लकड़ी के दर्जनों वाहन पकड़े तथा कई तस्करों को जेल भी भेजा जा चुका है। अब तक सिर्फ बरहैनी रेंज आरओ गौतम खैर की लकड़ी से लदी 6 पिकअप पकड़ चुके हैं। जो दिखाता है कि वो अपने कर्तव्य के प्रति पूरी सच्चाई रखते है। लेकिन एक बात डराने वाली है। जिस हिसाब से लकड़ियों की तस्करी हो रही है उससे तो जंगल के साफ होने का डर है।

कालाढूंगी क्षेत्र में बरहैनी और  कालाढूंगी रेंज कर्मियों की सतर्कता से अबत क दर्जनों वाहन ऐसे पकड़े जा चुके हैं जिनमे खैर की लकड़ी पाई गयी। मगर यह खैर के पेड़ कट कहाँ से रहे हैं इसमें अधिकारियों का ध्यान नहीं है?  हकीकत ये है कि यूपी की डिमांड ने खैर की तस्करी की गति को बढ़ा दिया है। आए दिन खैर की लकड़ी पकड़ी जा रही है। और अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। मगर उच्च स्तर पर विभाग को यह भी ध्यान देना होगा कि आखिर लकड़ी कहाँ और किस जंगल से कट रही है।

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