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शिवपाल यादव का चौकाने वाला फैसला, यूपी मंत्रीमंडल और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

लखनऊ। पिछले दो दिनों से सपा और यादव परिवार में चल रही उथल पुथल का रास्ता खोचने के लिए शिवपाल यादव ने यूपी मंत्रीमंडल और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है। शिवपाल के इस फैसले के बाद मना जा रहा है किशिवपाल अब आरपार की लड़ाई के लिए खड़े हो गए है। उत्तर प्रदेश विशानसभा 2017 चुनाव से पहले ये गतिविधिया सपा के लिए किसी बुरे सपने की तरह साबित हो सकती है । कलह इतना बड़ा है कि शिवपाल के इस्तीफे के बाद  पुत्र आदित्य यादव ने भी कॉपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। परिवार के इस्तीफे का दौर यही नही रुका,शिवपाल की पत्नी सरला यादव ने इटावा में जिला सहकारी बैंक की चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया। ये सभी फैसले  शिवपाल की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद लिए गए। बात तो ये भी समान  आ रही है कि शिवपाल अपना सरकारी बंगला भी खाली कर देंगे। शिवपाल यादव परिवार के चौकाने वाले फैसले के बाद उनके घर 7 कालीदास मार्ग के बाहर समर्थकों का जुटना शुरू हो गया है जिसमें कुछ विधायक भी शामिल है। इसी बीच खबर ये भी है कि सीएम ने शिवपाल का इस्तीफा नामंदूर कर दिया है । मुलायम सिंह यादव घर के  कलह को दूर करने के लिए सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे। इसे बाद  शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से उनके घर जाकर मुलाकात की । ये मुलाकात केवल 10 मिनट की हुई। उसके बाद सीएम सपा प्रमुख पिता मुलायम से मिलने पहुंचे और लगा कि मुलायम सिंह ने मामले को सुलझा दिया है लेकिन देर रात शिवपाल ने अपने फैसलों से सभी को सकते में डाल दिया। चाचा शिवपाल ने अखिलेश मंत्रिमंडल से और फिर यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया। राजनीतिक कारणों से परिवार के मतभेद पूरे देश के सामने नाटिय ढंग से सामने आया है। मुलायम सिंह हर वक्त सब कुछ ठीक रहने की बात करते आए है लेकिन शिवपाल के इन फैसलों से बिल्कुल भी नही लगता कि यादव परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा है। इसके साथ ही  दिल्ली में मुलायम से  मिलने के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि सपा परिवार में सब ठीक है। हम एक साथ यूपी  विधानसभा चुनाव  लड़ेंगे औरएर बार फिर  सरकार बनाएंगे। मैं अभी भी मंत्री हूं और जो पद मुझे दिया गया है वो काफी महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार ने 4 साल में बहुत अच्छे काम किए हैं।

 

इस माले पर वरिष्ठ सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा था कि पार्टी में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने  किसी बाहरी की वजह से पार्टी में झगड़ा ना होने की बात बोल एक और प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या इसके पीछे कोई तीसरा नाम है । क्योकि सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार इस मामले के असली विलन अमर सिंह है। ये बात कितनी सच है ये तो आने वाला समय ही बताएगा। रामगोपाल यादव ने कहा कि वो अखिलेश से मुलाकात करूंगे और उसके बाद पूर्ण जानकारी देंगे।

 

भाई शिवपाल और बेटे पुत्र अखिलेश के बीच उठे मतभेद को लेकर उलझन में फंसे सपा मुखिया मुलायम सिंह ने शिवपाल से मिलकर संकट को दूर करने का प्रयत्न किया ।वही पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री को इस बात के लिए मनाया जा सकता है कि वो महत्वपूर्ण विभागों को लौटाकर इस मुद्दे पर अपने रूख को नरम करेंगे।मीडिया को मिल रही जानकारी के मुताबिक मुलायम ने जो शांति फार्मूला निकाला है कि उसमें शिवपाल से ये उम्मीद की जा रही है कि वो पार्टी का प्रदेश प्रमुख बनाये जाने के बाद पार्टी मामलों पर अधिक ध्यान देंगे। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और अखिलेश को सपा प्रदेश प्रमुख पद से हटाने के बाद राजनीतिक हवा ने कई प्रश्न सपा के लिए खड़े कर दिए है जिनका जवाब उन्हें कलह शांन होने के बाद देना पड़ेगा। इसी बीच सपा संसदीय बोर्ड की बैठक अगले दो दिनों में हो सकती है जिसमें चुनाव से पहले पार्टी और सरकार की छवि को हुए नुकसान जैसे मुद्दों के समाधान पर बात होगी। एक बात तो साफ अगर ये मामला जल्द नही सुलझा तो मुलायम सिंह का दूसरी बार सरकार बनाने के सपने को झटका लगा सकता है ।  इसके साथ ही विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी असर पड़ सकता है क्योकि शिवपाल के पार्टी से घटने के बाद उसके समर्थन पार्टी से नाखुश हो सकते है।

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