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हल्द्वानी के टीवी पत्रकार विपिन चंद्रा को मिलेगी डॉक्टरेट की उपाधि, मिल रही है बधाई

हल्द्वानी: सहारा समय न्यूज चैनल में ब्यूरों चीफ, कुमाऊँ के पद पर तैनात विपिन चन्द्रा डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करेंगे। उन्हें उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने अगस्त में पीएच.डी. की अन्तरिम उपाधि प्रमाण पत्र जारी किया है। डाॅ0 चन्द्रा ने विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अधीन ’’समाचार पत्रों के माध्यम से सरकार के छवि निर्माण में सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग का योगदान’’ (नैनीताल जिले के विशेष संदर्भ) विषय पर शोध कार्य संपंन कर लिया है।
शोध को करने के लिए पाँच वर्ष का समय लगा जिसमें डाॅ0 विपिन चन्द्रा ने विभिन्न विश्वविद्यालय और कई केन्द्रिय संस्थानों में पठन पाठन कर ज्ञान अर्जित किया है। राज्यपाल माननीय बेबी रानी मौर्य के द्वारा उन्हें 27 नबंर को उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में  पीएच.डी. की डिग्री सौपी जाएगी।
ऐसे किया अध्ययन गहन अध्ययन
डाॅ0 विपिन चन्द्रा ने अध्ययन करने से पहले और अध्ययन ने दौरान कई स्थानों का भ्रमण कर पत्रकारिता की पुस्तकों, सरकारी गजट, सरकारी योजनाओं, नियमावलियों, शासनादेश और ग्रन्थों का गहन अध्ययन किया है।
डाॅ0 चन्द्रा ने विभिन्न सरकारी संस्थानों में भ्रमण करके सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग की कार्य प्रणाली और सरकार और पत्रकारों के बीच संबंधों को जाना है। भोपाल के  माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, दिल्ली की इण्डियन इंस्टीट्यूट आॅफ माॅस कम्यूनिकेशन, केन्द्रिय हिन्दी संस्थान आगरा, भीम राॅव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, नैनीताल कुमाऊँ विश्वविद्यालय, हरिद्वार की देव संस्कृत विश्वविद्यालय, गुरू राम राॅय इंस्टीटयूट, देहरादून में अध्ययन कर शोध ग्रन्थ को अंतिम रूप प्रदान किया है।
अध्ययन की विशेषता एवं सुझाव
डाॅ0 विपिन चन्द्रा ने अध्ययन में पाया कि सरकार के छवि निर्माण में सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग का खासा योगदान है। सूचना विभाग विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से सरकार की विकासात्मक योजनायें, कार्यक्रम एवं नीतियों को प्रचारित प्रसारित करने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। सर्वेक्षण से प्राप्त आॅकड़ों के आधार पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जनमानस कुछ हद तक इन्हीं समाचार पत्रों को पढ़कर सरकार के प्रति राॅय बनाते हैं लेकिन शत-प्रतिशत जनता इससे प्रभावित नही होती है।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण और प्रश्नावलियों से आये उत्तरदाताओं ने स्पष्ट किया कि सरकार अपने समस्त विभागों की सफलतम न्यूज को समाचार पत्रों के माध्यम से लक्षित व्यक्ति तक शत-प्रतिशत नहीं पहुचा पाती है क्योंकि सूचना विभाग के पास कर्मचारियों की काफी कमी है जिससे कई सरकारी काम काज की सफलता की कहानी समाचार पत्रों में प्रकाशित होने से रह जाती हैं। सरकार को समाचार पत्रों में न्यूज प्रकाशन और विज्ञापन की अपनी नियमावली में भी परिवर्तित करना पडेगा तभी समाचार पत्रों में सरकारी योजनाओं को अच्छा स्थान मिल सकेगा और सरकार भी अपनी बात ठीक से कह सकेगी। इसके अलावा भी कई कारकों को शोध अध्ययन में स्पष्ट किया गया है जिसको यूजीसी की शोध गंगा की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
डाॅ0 चन्द्रा ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अपने गाइड डाॅ0 गोविंद सिंह, एमबीडिग्री काॅलेज के प्रोफेसर डाॅ0 भुवन तिवारी, सहारा समय न्यूज चैनल के अधिकारियों, सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक श्री अनिल चंदोला, उपनिदेशक योगेश मिश्रा और अपने समस्त मित्रों का अध्ययन को पूर्ण करने में मदद के लिए आभार प्रकट किया है।
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