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हल्द्वानी में होगा 14 मेगावाट बिजली उत्पादन,परियोजना को लेकर साइन हो चुका है एमओयू

हल्द्वानी: बजट सत्र 2021-2022 के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जल संसाधन को लेकर भी प्लान सामने रखा। राज्य में पानी की समस्या को दूर करना सरकार की प्राथमिकता रही है। सीएम रावत ने बताया कि जमरानी पेयजल बहुद्देशीय परियोजना के लिए 1584 करोड़ 10 लाख रुपये को सहमति मिल गई है। इसके परियोजना के अंतर्गत गौला नदी पर हल्द्वानी शहर से 10 किलोमीटर ऊपर 136.60 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध का निर्माण कराया जाएगा।

यह हल्द्वानी के लिए सौगात है। पानी की समस्या दूर होने के साथ ही 14 मेगावाट बिजली उत्पादन भी होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश के साथ एमओयू साइन हो चुका है। इस परियोजना से प्रदेश में नौ हजार 458 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा। इसके लिए 240 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। हल्द्वानी के अलावा देहरादून में जल समस्याओं को दूर करने के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राजधानी में 50 वर्षों तक 150 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति के लिए सौंग पेयजल परियोजना का निर्माण चल रहा है।

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2022 तक 14 लाख 61 हजार 910 परिवारों को पानी का कनेक्शन देते हुए 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन पानी दिया जाना है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में तीन लाख 58 हजार कनेक्शन का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष फरवरी तक तीन लाख 96 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इस योजना के लिए सरकार ने 667 करोड़ 76 लाख रुपये का प्रावधान किया है। वहीं, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में पेरी अर्बन योजना के अंतर्गत पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 22 योजनाएं स्वीकृत हैं।

बजट सत्र में गैरसैंण में पेयजल की आपूर्ति के लिए रामगंगा नदी पर बांध निर्माण को सभी आवश्यक स्वीकृतियां मिल गई हैं। इसका निर्माण शुरू होने जा रहा है। गैरसैंण पेयजल योजना की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) गठित कर स्वीकृति की कार्रवाई चल रही है। प्रदेश में पानी के संरक्षण को लेकर बड़े स्तर पर जन जागरण अभियान के तहत रिस्पना व कोसी नदियों के क्षेत्र में व्यापक पौधरोपण किया गया है। देहरादून में सूर्यधार झील बनकर तैयार है। गैरसैंण, कोलीढेक, गगास, ल्वाली, थरकोट आदि झीलों पर भी काम चल रहा है।

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