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लखनऊ : वाट्सएप के जरिए लश्कर-ए-तैयबा की घुसपैठ

लखनऊ : सोशल मीड़िया आज के समय में एक बहुत ही प्रभावी माध्यम बन चुका है । इसके जरिये हम अपनी बात कुछ ही समय में लाखों लोगों तक पहुंचा सकते हैं । सोशल मीड़िया के जहां अपने फायदे हैं तो नुक्सान भी हैं । कई लोग इसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं । ऐसा ही एक मामला लखनऊ में प्रकाश में आया है ।

लखनऊ में डालीबाग निवासी मनोज कुमार को वाट्सएप पर ज्वॉइन द लश्कर-ए-तैयबा ग्रुप का लिंक मिलने के बाद लखनऊ पुलिस हरकत में आ गई है। रविवार को मनोज ने हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। सीओ हजरतगंज एवं साइबर सेल के नोडल प्रभारी अभय कुमार मिश्र के मुताबिक युवक की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। लिंक किसने भेजा है और वह लोग कौन हैं, इस बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच में राजस्थान से ग्रुप का लिंक भेजे जाने की बात सामने आई है।

तहरीर में मनोज ने लिखा है कि वह एक वाट्सएप ग्रुप में जुड़े थे। शुक्रवार को उनके पास ग्रुप में लिंक भेजा गया, जो एमआइएम और लश्कर-ए-तैयबा के नाम से था। संदिग्ध मैसेज देखकर मनोज ने पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर फोन कर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें साइबर क्राइम सेल भेजा गया। छानबीन के दौरान सीओ हजरतगंज ने इस मामले में एफआइआर कराने के निर्देश दिए, जिसपर रविवार को रिपोर्ट दर्ज की गई। मनोज का आरोप है कि उन्हें आशंका है कि कोई देशद्रोही किस्म का व्यक्ति है, जो कुछ गलत कार्य कर सकता है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि छानबीन के दौरान उक्त नंबर राजस्थान के भीलवाड़ा का निकला। पड़ताल के दौरान पता चला कि उक्त नंबर का इस्तेमाल नौंवी कक्षा का एक छात्र कर रहा है। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी। इसपर राजस्थान पुलिस ने संदेह के आधार पर नौंवी के एक छात्र को हिरासत में ले लिया। पुलिस छात्र से पूछताछ कर रही है, जो ग्रुप का एडमिन भी था।

छानबीन के दौरान पुलिस ने जब उक्त छात्र से संपर्क किया तो उसने फौरन ग्रुप को डिलीट कर दिया। पुलिस अब छात्र के मोबाइल फोन से उक्त ग्रुप का डाटा रिकवर करने का प्रयास कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन के नाम से बने ग्रुप से जुड़े लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। ग्रुप के सदस्यों से पूछताछ के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट होगी । बताया जा रहा है कि वाट्सएप ग्रुप में राजस्थान के कुछ छात्रों के अलावा कुछ अन्य लोग जुड़े थे। पुलिस आतंकी गतिविधियों की दिशा में भी जांच कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जानकारी एटीएस को भी दी गई। एटीएस भी राजस्थान पुलिस के संपर्क में है।

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