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हल्द्वानी: खुदकुशी का था पूरा प्लान, फेसबुक पर लिखी पोस्ट ने बचाई युवक की जान

हल्द्वानी: ज़माने की बढ़ती भाग दौड़ में इंसान बहुत थक सा जाता है। युवाओं में यह थकान धीरे धीरे आम हो रही है। आए दिन हमें खुदकुशी की खबरें सुनने को मिलती रहती हैं, जिसमें एक बड़ी संख्या में युवाओं के नाम भी शामिल रहते हैं। मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी बीमारियां युवाओं में काफी जल्दी अपनी पकड़ मज़बूत कर रही हैं। कब कौन व्यक्ति किस अवस्था में है यह उसके हाव भाव से पता लगा पाना असंभव है। उत्तराखंड में भी कई बार हम युवाओं की खुदकुशी की खबर सुनते रहते हैं। ज़िंदगी में बचा कुछ था तो वो कोरोना के कारण गई लोगों की नौकरियों के साथ चला गया। कुछ युवा इस मुश्किल घड़ी में अपने आप को खासा अकेला पा रहे हैं।

शहर हल्द्वानी से भी इस तरह का एक मामला सामने आया है। दरअसल पारिवारिक मतभेद और बेरोजगारी से परेशान एक युवक ने अपनी ज़िंदगी को खत्म करने का फैसला किया और इस फैसले को फेसबुक पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट डाल कर दोस्तों के साथ साझा भी कर दिया। पोस्ट लिखते से ही युवक ने अपने घर पर ही ढ़ेर सारी डिप्रेशन की गोलियां खा लीं। फेसबुक पर पोस्ट वायरल होते ही पुलिस के पास जा पहुंचा, जिसके बाद मौके पर पहुंच कर पुलिस ने उस युवक को बचा लिया। ज़रा सी चूक होती तो युवक की जान भी जा सकती थी।

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जानकारी के अनुसार हल्द्वानी शहर के मुखानी इलाके में रहने वाले एक युवक ने पारिवारिक कारणों से परेशान हो कर खुदकुशी करने का मन बनाया। इतनी ही नहीं उसने अपने इरादों और अपने भावों को एक पोस्ट में बांध कर सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिया। जिसके बाद उसने एक ही बार में डिप्रेशन की कई सारी गोलियां अपने गले से अंदर उतार ली। सोशल मीडिया पर पोस्ट फैला और एक व्यक्ति के पास पहुंचा, जिसने इंसानियत और सतर्कता का सबूत पेश किया।

यह पोस्ट सोशल मीडिया पर युवक से जुड़े अभिनव वार्ष्णेय ने देखा और तुरंत पुलिस को इस मामले के बारे में जानकारी दे दी। सूचना मिलते ही कोतवाल संजय कुमार अपनी टीम के साथ युवक के घर पहुंचे और उसे तुरंत बेस अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसका ठीक तरह से इलाज किया गया और शनिवार को ठीक होने पर घर भेज दिया गया। पुलिस के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आत्महत्या का प्रयास करने के लिए युवक का संबंधित धाराओं में चालान भी किया गया है। बता दें कि आत्महत्या करते वक्त पकड़े जाना एक कानूनी अपराध माना जाता है।

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इस मामले पर अनेकों मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि युवक का आत्महत्या का प्रयास करना और सोशल मीडिया पर पोस्ट करना दोहरे व्यक्तित्व की समस्या को साफ तौर पर उजागर करता है। जिसमें एक तरफ उसे अपनी ज़िंदगी खत्म कर देने के ख्याल ने जकड़ा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ युवक यह भी चाहता है कि उसकी जान बच जाए। चिकित्सकों के मुताबिक कभी-कभी लोग समाज से आकर्षण पाने के लिए भी ऐसे कदम उठाते हैं। परिवार के लोगों को एक दूसरे का ध्यान रखना चाहिए और एक दूसरे से जुड़ा रहना चाहिए।

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