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उत्तराखंड: ग्रामीणों के आएंगे अच्छे दिन, मनरेगा के अंतर्गत मिलेगा ढाई लाख परिवारों को रोजगार

हल्द्वानी: कोई भी देश या राज्य पूरी तरह से तब ताकतवर हो सकता है जब उसमें रहने वाला हर वर्ग और हर तबके का व्यक्ति सशक्त और सुरक्षित महसूस करे। और यह तभी हो सकता है जब उन्हें ऐसा महसूस कराया जा सके। कोरोना काल में आती तमाम नकारात्मक चीज़ों के बीच एक बात अच्छी है कि कोई ना कोई योजना लगभग हर तबके के लिए निकाली जा रही है या निकालने के प्लान बनाए जा रहे हैं।

कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के गांवों में रोजगार दिलाने की दिशा में मनेरगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम रोज़ाना बड़ी उड़ान भर रहा है। कामों की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में तकरीबन 75 लाख अतिरिक्त मानव दिवस सृजित करने को हरी झंडी दे दी है। बता दें कि ऐसा होने के बाद राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में मानव दिवस सृजित होने का आंकड़ा 2.75 करोड़ पहुंच जाएगा, जो कि पिछले पांच वर्षों में सर्वाधिक आंकड़ा होगा। इससे करीब ढाई लाख अतिरिक्त परिवारों को मनेरगा में रोजगार मिल सकेगा।

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सभी तरह के संचालन, सभी तरह की ज़रूरी गतिविधियां कोविड के कारण मार्च से प्रदेश में स्थगित थीं। जिसमें मनरेगा भी एक महत्वपूर्ण नाम था। हालांकि 20 अप्रैल के बाद केंद्र से मनरेगा में कार्य शुरू करने को लेे कर मिली छूट के अच्छे नतीजे आए और ग्रामीणों ने इसमें खासा रुचि भी दिखाई। सबसे ख़ास बात यह रही कि जो भी प्रवासी इस दौरान उत्तराखंड लौटे थे, उन्हें भी मनरेगा ने खासा फायदा पहुंचाया। कुल मिला कर जिन साढ़े तीन लाख प्रवासियों को फायदा पहुंचा था, उनमें से में एक लाख वापस लौट चुके हैं, मगर शेष अभी यहीं रुके हैं। पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गांवों में रुके प्रवासियों में 38 फीसद रोजगार के लिए मनरेगा पर निर्भर हैं।

उत्तराखंड में मनरेगा एक काफी बड़ी सफलता मानी जा सकती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब निर्धारित दो करोड़ मानव दिवस के लक्ष्य के अपेक्षा 1.86 करोड़ मानव दिवस सृजित हो चुके हैं। मनरेगा में कार्य की मांग लगातार बढ़ रही है, लोगों को फायदा पहुंचा रहा है। इसे देखते हुए राज्य द्वारा केंद्र को एक करोड़ अतिरिक्त मानव दिवस सृजित करने का प्रस्ताव भेजा गया। अपर सचिव मनरेगा उदयराज सिंह के अनुसार केंद्र ने 75 लाख मानव दिवस सृजित करने को स्वीकृति दे दी है। जाहिर है कि इससे मनरेगा के बजट में भी वृद्धि होगी।

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राज्य में मनरेगा के समन्वयक मोहम्मद असलम के मुताबिक मनरेगा से इस बार करीब ढाई लाख परिवार अतिरिक्त जुड़े हैं। अतिरिक्त मानव दिवस की मंजूरी मिलने से इन परिवारों को भी सौ दिन का रोजगार मिल सकेगा। मनरेगा में अब तक पंजीकृत कुल जॉब कार्ड धारको की संख्या 8.05 लाख पहुंच गई है।

बता दें कि मनरेगा में सृजित मानव दिवस का आंकड़ा वर्ष 2016-17 में 2.36 करोड़, 2017-18 में 2.23 करोड़, 2018-19 में 2.21 करोड़ और वर्ष 2019-20 में  2.06 करोड़ था। यही संख्या वर्ष 2020-21 में अब तक 1.86 करोड़ पहुंच चुकी है।

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