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राजधानी में हल्द्वानी की रेनू ने बिखेरी अपनी खूबसूरती की चमक, जीता मिस कैटवॉक का खिताब

हल्द्वानी: सपने देखता हर कोई है, हर कोई शिखर पर पहुंचना चाहता है, जो लोग ऐसा करने में कामयाब होते है वो पूरे समाज या पीढ़ी के लिए मिसाल बन जाते है। सपनों की कोई सीमा नहीं होती ना ही वो अमीरी और गरीबी देखता है, वो केवल उसे पूरा करने परिश्रम पर निर्भर रहता है और जब वो सपना हकीकत बनता है तो, उसे कामयाबी का नाम दिया जाता है। हल्द्वानी में एक बेटी भी कुछ ऐसा ही कर रही है।

किसान परिवार में जन्मी रेनू मौर्या ने बचपन से मॉडलिंग में करियर बनाने की ठानी थी इस रहा में उसने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन अपने सपने से कभी समझौता नहीं किया। आज वो धीरे-धीरे अपने सपने की तरफ बढ़ रही है तो शहर भी उसके परिश्रम का उदाहरण दे रहा है।

हल्द्वानी पुरानी आईटीआई स्थित नन्दन लाल मौर्य व भगवती मौर्य की बेटी रेनू ने अपनी पहचान एक सुपर मॉडल के दौर पर स्थापित की है। छोटा शहर है लेकिन परिश्रम बड़ा था तो कामयाबी की गूंज भी तेज है। हल्द्वानी की बेटी रेनू मौर्य ने स्वस्तिक एवेंट एंड प्रोडेक्शन व लम्हे प्रोडक्शन के बैनर तले आयोजित (17 मई) मिस्टर एंड मिस ग्लैम हंट 2018 का मिस कैट वॉक का खिताब अपने नाम किया। फिनाले का आयोजिन राजधानी देहरादून में किया गया था। फिनाले के फाइनल राउंड में रेनू मौर्य दिल्ली के साबा डिजाइनर क्लेक्शन के शो टॉपर रही थी।

 

कार्यक्रम में गेस्ट के रूप में रोडीज़ सीजन-5 के अयाज़ अहमद, मिस्टर इंडिया वर्ल्डवाइड पैजेंट 2016 व स्पिलिट्स विला-10 के आकाश चौधरी, स्पिलिट्स विला-10 की ऋतु, फैशन डिजाइनर पवन जोशी व ज्योति सिंह बतौर जज मौजूद  थे।

मिस कैट वॉक का खिताब का जितने के बाद रेनू मौर्य ने बताया कि उन्होने बताया कि वो मॉडलिंग में करिय बनाने के लिए ग्रूमिंग क्लास में 12-12 घंटे अभ्यास करती थी जिसमें उन्हें रैंप पर चलना व बात करना सिखाया जाता था।

उन्होंने कहा कि मेरे सपनों को मेरे परिवार ने अपना बनाया और तभी मैं अपने मॉडलिंग करियर में आगें बढ़ रही हूं। उन्होंने कहा कि कामयाबी का आसमान सबके लिए बराबर होता है लेकिन उसे कामयाबी का रंग हमारी परिश्रम देता है।

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