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उत्तराखंड: पशुपालन करने वालों के आएंगे अच्छे दिन, ग्रोथ सेंटर की मदद से हर घर पहुंचेगा दूध

हल्द्वानी: हिंदुस्तान में गाय को गौ माता के रूप में पूजा जाता है। गाय अनेकों तरह के उत्पाद दे कर, आम जनमानस को फायदा पहुंचाती है। गौमूत्र, गाय का गोबर या गाय का दूध, आदि उत्पाद लाभदायक भी हैं और कीमती भी। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग हर घर में बिल्कुल सही तरीके से गायों का पालन किया जाता है। पहाड़ में बद्री गाय का नाम काफी मशहूर है।

ताज़ा खबरों के अनुसार उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बद्री गाय के दूध, घी और पनीर की ब्रांडिंग और मार्केटिंग अब डेयरी ग्रोथ सेंटर के माध्यम से की जाएगी। ग्रोथ सेंटर पर तमाम दुग्ध उत्पादकों को बद्री गाय के दूध पर चार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। बद्री गाय के ए-टू मिल्क का स्ट्रलाइजेशन किया जाएगा, जिसके बाद उसे बोतलों में भर कर शहरी क्षेत्रों में बिक्री के लिए भेजा जाएगा।

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राज्य के दूर दराज के गांव वाले इलाकों में दुग्ध उत्पादकों को दूध का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, इसी विषय में सरकार काफी समय से सोच विचार कर रही है। उत्पादकों को दूध का उचित मूल्य मिल सके, इसीलिए सरकार का अहम ध्यान डेयरी ग्रोथ सेंटर स्थापित करने पर है। दुग्ध विकास विभाग की तरफ से लगभग 48 लाख की लागत से बद्री गाय के दूध पर आधारित चार ग्रोथ सेंटर बनाए जा चुके हैं। जिसमें एक एक सेंटर बागेश्वर जिले के कमेडी, रुद्रप्रयाग में सुमाड़ी, चमोली में जखोला (जोशीमठ), देहरादून जिले में लाखामंडल में स्थापित किया गया है। जहां बद्री गाय के ए-टू दूध को प्रोसेसिंग कर के घी और पनीर तैयार किया जा रहा है।

इसके अलावा ग्रोथ सेंटर पर दूध बेचने वाले उत्पादकों को विभाग की ओर से चार रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। बद्री गाय के एक लीटर दूध का मूल्य 36 से 37 रुपये प्रति लीटर तक है। बद्री गाय के दूध से तैयार होने वाला घी मार्केट में करीब 1300 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जबकि दूध का मूल्य प्रति किलो 36 से 37 रुपये किलो तक है।

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पहाड़ों में बद्री नस्ल की गाय होती है लेकिन जर्सी व साहीवाल नस्ल की तुलना में बद्री गाय की दूध देने की क्षमता बहुत ही कम होती है। बद्री गाय एक दिन में सिर्फ डेढ़ से दो लीटर ही दूध देती है। दूध देने की क्षमता कम होने के बावजूद, इस दूध की गुणवत्ता सबसे ऊंची मानी जाती है। बद्री गाय का दूध सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। दूध में पाचन क्षमता अन्य दूध के मुकाबले अधिक होती है। पेट से संबंधित बीमारियों में भी बद्री गाय के दूध का सेवन लाभदायक माना जाता है।

ग्रामीण इलाकों में दुग्ध उत्पादकों की आय को बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा चार ग्रोथ सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन सेंटरों के माध्यम से बद्री गाय के दूध, घी, पनीर की ब्रांडिंग व मार्केटिंग की जा रही है। अभी तक ग्रोथ सेंटरों से दूध, घी व पनीर को निजी कंपनी को बेचा जा रहा है। जल्द ही इसकी मार्केटिंग आंचल ब्रांड के नाम से की जाएगी।

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