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गरीब बच्चों के सुनहरे भविष्य का रास्ता बनी हल्द्वानी की फ्री ‘पाठशाला’

News Source :- Dainik Jagran

हल्द्वानी: हर प्रदेश में, प्रदेशों के हर शहर में एक ऐसा तबका ज़रूर होता है जो अन्न, छत और शिक्षा का अभाव झेल रहा होता है। ऐसे तबकों में पैदा हुए बच्चों के भविष्य पर तलवार झूल रही होती है। झुग्गी झोपड़ियों और मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग, अपनी मर्जी से वहां नहीं रहते। यह हालात होते हैं जो उन्हें वहां रहने पर मजबूर कर देते हैं। मगर कुछ शिक्षित लोग हैं, संस्थाएं हैं जिन्हें इनकी परवाह है। हल्द्वानी की ‘पाठशाला’ ने भी गरीब बच्चों को पढ़ाई से दूर ना हेने देने का बीड़ा उठाया हुआ है।

साल 2016 में शुरू हुई ‘पाठशाला’ संस्था बच्चों को शिक्षा तो देती है। साथ ही उन्हें समाजिक सरोकार और उनकी परवरिश में भी एक अहम भूमिका निभाती है। बता दें कि यह संस्था बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देती है। पाठशाला की शुरुआत हल्द्वानी के कुछ समाजसेवी महानुभावों और गुरु की परिभाषा पर खरे उतरते शिक्षकों द्वारा की गई थी।

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हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र में किराए पर कमरे लेकर वहां तमाम तरह की व्यवस्थाएं जैसे पंखे, फर्नीचर, कंप्यूटर आदि जुटाना मुश्किल तो रहा। मगर आपसी सहयोग और नेक सोच ने एक बार फिर कठिनाईयों को पीछे छोड़ विजय पा ली। पाठशाला की शुरुआत के बाद पहले तो यहां केवल छठी से बारहवीं तक के बच्चों को ही पढ़ाया जाता था। मगर धीरे धीरे सभी कक्षाओं को शिक्षा देने का कार्य शुरू हो गया।

समिति का मानना है कि कोरोना काल में बच्चों की सुरक्षा ज़्यादा ज़रूरी थी, इसलिए तब क्लासेस नहीं हो सकीं। मगर अब धीरे धीरे सब ठीक हो रहा है तो जल्द ही बोर्ड परीक्षार्थियों की कक्षा लगनी शुरू हो जाएगी।

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संस्था के महामंत्री ध्रुव कश्यप की माने तो शुरुआत में यहां 58 बच्चे पढ़ते थे। 2017 के बाद से हर साल 100 से 150 बच्चे इसका लाभ उठा रहे हैं। ध्रुव कश्यप बताते हैं कि राजपुरा, राजेंद्र नगर और जवाहर नगर में कई एक परिवारों की रोजी-रोटी आज भी मजदूरी, कूड़ा बीनने से चलती है। इन कार्यों से इतनी आय नहीं होती कि वे अपने बच्चों को ट्यूशन या कोचिंग में पढ़ाई करवा सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए पाठशाला को शुरू किया गया था।

पाठशाला में शिक्षक अमित जोशी गणित, लेक्चरर राकेश जोशी गणित-विज्ञान व प्राध्यापक डा. राजेंद्र सिंह भाकुनी राजनीतिक विज्ञान की कक्षा लगाते हैं। जबकि, संस्था अध्यक्ष डीके पंत, उपाध्यक्ष विनोद दानी, महामंत्री ध्रुव कश्यप, कोषाध्यक्ष नेत्रबल्लभ जोशी पाठशाला के संचालन और व्यवस्थाओं के लिए हर संभव मदद करते हैं। वाकई हर शहर में एक ऐसा तबका ज़रूर होता है जो अन्न, छत और शिक्षा का अभाव झेल रहा होता है। मगर उन्हीं शहरों में ऐसे लोग, संस्थाएं भी मौजूद होती हैं जो इन अभावों को खत्म करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती।

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