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पूर्व भारतीय कोच निकले सट्टेबाज,अपनी ही कैफे में करवा रहा था सट्टेबाजी

नई दिल्लीः एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव में सबकी नजर टिकी हैं, तो वही आईपीएल का जोर भी देखा जा रहा है। यही कारण है कि आईपीएल में सट्टेबाज भी सक्रिय दिख रहे हैं। हर साल कई सट्टेबाजों को पुलिस पकड़ती हैं जिससे कुछ हद तक सट्टेबाजी में कमी आती हैं पर हर साल आईपीएल में करोड़ो का सट्टा लगाया जाता है। इस साल आईपीएल के सीजन 12 में भी सट्टेबाज सक्रिय देखे जा रहे है। यही कारण रहा कि मंगलवार को गुजरात पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली पर इस खबर ने भारतीय क्रिकेट जगत को शर्मसार भी कर दिया। सट्टेबाजी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कोच क नाम आ रहा है, जिन्हें गुजरात पुलिस ने सट्टेबाजी के आरोप में उन्ही के कैफे से पकड़ा है।गुजरात पुलिस ने मंगलवार को 18 सट्टेबाजों को पकड़ा जिसमें भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कोच तुषार अरोथे भी शामिल थे। तुषार अरोथे अप्रैल 2017 से जून 2018 तक महिला टीम के कोच रहे। डीसीपी जेसी जडेजा ने बताया कि सूचना के बाद वडोदरा के एक कैफे में छापेमारी हुई जिसमें बड़ी कामयाबी मिली। पर यह कामयाबी भारतीय क्रिकेट के लिए एक शर्म की बात भी कही जा रही हैं। किसी भी टीम के कोच को भारत में गुरू का दर्जा दिया जाता है। पर मंगलवार को गुरु का एक नया ही रूप देखने को मिला। अपने ही कैफे में पूर्व कोच तुषार अरोथे सट्टेबाजी को बढ़ावा दे रही थे।इससे पहले इस सीजन में रिषभ पंत पर भी फिक्सिंग का आरोप लगा था। पर बीसीसीआई ने इस आरोप में खुद से सफाई पेश कर आरोप को झूठा साबित कर दिया हैं। इस से पहले भी वर्ष 2013 के आईपीएल सीजन-6 में एस श्रीसंत, अंकित चवन और अजीत चंडीला को फ़िक्सिंग के चलते आजीवन बैन की सज़ा मिली थी। पर एस श्रीसंत को सुप्रीम कोर्ट से राहल मिल चुकी हैं। कोर्ट ने उन पर लगा लाइफटाइम बैन निरस्त करने का फैसला कर दिया हैं।

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