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अपनी शादी के दो हफ्ते पहले तिंरगे में लिपटकर घर पहुंचेगा वीर विजय कुमार पाण्डेय

नई दिल्ली: फौजी की जिंदगी देश सेवा से शुरू होती है और देश सेवा में ही खत्म हो जाती है। देश सेवा के लिए ऐसा पागलपन होता है कि जो उसे अपने परिवार से दूर रखता है। ऐसी ही वीर गाथा है यूपी फतेहरपुर विजय कुमार पाण्डेय की जो सीमा पर पाकिस्तान से शनिवार देर रात हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए। बेटे की मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। विजय के घर पर उसी शादी की तैयारियां चल रही थी और उसकी बारात के जगह उसका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा। बताया जा रहा है कि शहीद का शव सोमवार को गांव लाया जाएगा।

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बता दे किं विजय पांडे की पोस्टिंग 33वीं बटेलियन बीएसएफ में थी। वह जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनात थे। सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से भारी गोलाबारी की गई। इस घटना में विजय और उनके एक साथी सत्य नारायण यादव शहीद हो गए। विजय के पिता राजू पांडेय किसान हैं।बीएसएफ की तरफ से देर रात विजय के परिजनों को सूचना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। विजय का  एक बड़ा भाई अजय पाण्डेय हैं जो नगर निगम कानपुर में क्लर्क हैं।

शहीद विजय पाण्डेय

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विजय अपने स्कूल की पढ़ाई की शुरुआत गांव के ही प्राइमरी विद्यालय से हुई थी। उसके बाद उन्होंने आदर्श इंटर कॉलेज सालेपुर से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। कानपुर के डिग्री कॉलेज में इन्होंने पढ़ाई शुरू की थी उसी दौरान बीएसएफ में तैनाती हो गई।  विजय साल 2012 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे।

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शहीद जवान विजय पाण्डेय की 20 जून को शादी होनी थी। 15 जून को उनका तिलक था। शादी के लिए विजय ने छुट्टी का भी आवेदन किया था। जो मंजूर हो चुका था। विजय 5 जून से छुट्टी पर घर आने वाला था। शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। बेटे की शहादत की खबर सबसे पहले मां सविता देवी को लगी। खबर सुनते ही उनके पैरों तले जमीन खिचक गई और वो बैसुध हो गई।

 

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