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नामांकन के बाद सपा की सबसे बड़ी चाल आर्मीमेन को किया आगे…

नई दिल्लीः वाराणसी लोकसभा सीट में सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है,जिसके बाद से भाजपा में भी बेचेनी देखी जा रही है। यहां सपा और बसपा ने पहले अपनी प्रत्याशी शालिनी यादव को रखा था तो वहीं अब बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को गठबंधन ने नया प्रत्याशी घोषित किया है। तेज बहादुर 2017 में आर्मी के खाने की शिकायत करने वाले वीडियो के बाद चर्चाओं में आये थे।    इससे पहले एसपी के प्रदेश प्रवक्‍ता मनोज राय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के साथ पर्चा दाखिल कराने पहुंचे। धूपचंडी ने दावा किया कि तेज बहादुर पार्टी के प्रत्‍याशी होंगे। धूपचंडी ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी में बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव एसपी के प्रत्याशी होंगे। उन्‍होंने कहा कि एसपी की अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव अपना नामांकन पत्र वापस ले लेंगी। बता दें कि बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर इसके पहले भी नामांकन कर चुके हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनका पर्चा किसी वजह से खारिज हो गया था। यह भी कहा जा रहा है कि उन्‍होंने टिकट के लिए एसपी अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है। सूत्रों के मुताबिक तेज बहादुर का पर्चा स्‍वीकार होते ही दो मई को नाम वापसी के आखिरी दिन से पहले शालिनी अपना नाम वापस ले लेंगी। इससे पहले जब शालिनी यादव नामांकन करने के लिए कलक्ट्रेट में जुलूस लेकर पहुंचीं, उसी समय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान को लेकर नामांकन का एक सेट और दाखिल कराने पहुंच गए। दोनों प्रत्‍याशियों ने पर्चा दाखिल कर दिया। राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक अगर समाजवादी पार्टी तेज बहादुर पर दांव लगाती है तो इसके जरिए वह पीएम मोदी पर सीधे हमला कर सकेगी। एसपी तेज बहादुर की बर्खास्‍तगी के मुद्दे को उठाकर जहां पीएम मोदी के राष्‍ट्रवाद के नारे को भोथरा करेगी। उधर, शालिनी के हटने से कांग्रेस प्रत्‍याशी अजय राय और मजबूती से चुनाव लड़ पाएंगे। दरअसल, शालिनी यादव पहले पहले कांग्रेस में थीं और वाराणसी में मेयर के चुनाव में उन्हें 1. 13 लाख वोट मिले थे। अब शालिनी के हटने पर कांग्रेसी वोटों के बंटने की आशंका कम हो जाएगी। बता दें कि वाराणसी संसदीय सीट से विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी खड़ा न कर लगता है एक बार फिर उनकी जीत आसान कर दी है। एक तरह से मोदी को वॉकओवर दे दिया है। हालांकि एसपी और कांग्रेस दोनों इससे इनकार करती हैं और उनका कहना है कि मोदी के खिलाफ उनके प्रत्याशी मजबूत हैं। कांग्रेस ने अपने पुराने प्रत्याशी अजय राय को मोदी के मुकाबले खड़ा किया है जबकि एसपी-बीएसपी गठबंधन की तरफ से एसपी के टिकट पर अब तेज बहादुर मैदान में हैं। 
तेज बहादुर यादव ने हाल ही में दावा किया था कि करीब दस हजार पूर्व सैनिक वाराणसी आकर असली चौकीदार के पक्ष में और नकली चौकीदार (पीएम मोदी) के खिलाफ घर-घर प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा था, ‘मैं हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि पीएम मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरा हूं। जनता को बताऊंगा कि सैनिकों का हितैषी होने का दावा करने वाले पीएम मोदी ने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। पूर्व सैनिक घर-घर जाकर बताएंगे कि मोदी जी ने सैनिकों का क्‍या हाल कर रखा है। सच्‍चाई पता चलने पर पब्लिक हमारे साथ खड़ी होगी।’

तेज बहादुर ने 2017 में बीएसएफ में मिल रहे खाने को घटिया बताते हुए विडियोज बनाए थे। सोशल मीडिया पर आने के बाद वे सभी विडियोज वायरल हो गए थे, जिसके बाद तेज चर्चा में आ गए। इस मामले की जांच हुई, जिसके बाद तेज बहादुर को उनको बर्खास्त कर दिया गया। जनवरी, 2019 में तेज बहादुर के 22 साल के बेटे की संदिग्‍ध स्थितियों में मौत हो गई थी। वह अपने कमरे में बंदूक के साथ मृत पाया गया था।

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