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शहीद की पत्नी के लिए उत्तराखंड बना प्रेरणास्रोत ,आर्मी में बनी लेफ्टिनेंट

नई दिल्लीः कई बार देखा जाता है कि आर्मी में शहीद हुए जवान का परिवार के सदस्य बहुत कम आर्मी में जाते है। इस लिए नहीं की वह परिवार डर रहा है बल्कि कई परिवार अपनी जॉब नहीं छोड़ते। लेकिन तमिलनाडु से एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसने हर एक भारतीय का सिर गर्व से ऊपर उठा दिया। कुछ दिन पहले तमिलनाडु के चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी की पासिंग आउट परेड में एक ऐसी महिला भी थी जिसने आतंकी हमले में अपना सुहाग खोया था। हम बात कर रहे है 2016 के आतंकी हमले में शहीद हुए शिशिर माल की। शहीद शिशिर माल की पत्नी ने रविवार को वह कर दिखाया जो शायद ही कोई कर सकता है। संगीता के पति इंडियन आर्मी में जवान थे और संगीता अब उसी इंडियन आर्मी को बतौर ऑफिसर ज्‍वॉइन करेंगी।

आर्मी ऑफिसर संगीता जो लेफ्टिनेंट बन चूकी है। वह आज से कुछ समय पहले एक टीचर थी। लेफ्टिनेंट संगीता की शादी शिशिर माल से 2013 में हुई थी। उस समय शहीद शिशिर माल गोरखा राइफल्स के जवान थे । शिशिर की पोस्टिंग उस समय जम्मू-कश्मीर में थी। 2015 के सितंबर में जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले के बाद शिशिर शहीद हो गये थे। लेफ्टिनेंट संगीता ने अपने पति की शहादत के बाद अपनी टीचर की नौकरी छोड़ परिवार के साथ रहने का फैसला लिया और संगीता अपने सास के साथ रहने लगी। संगीता के लिए पति की शहादत के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उस समय लेफ्टिनेंट संगीता को गर्भपात की तकलीफ का भी सामना करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक संगीता की सास ने उनको पढने के लिए साथ एक बैंकिग की जॉब करने के लिए प्रेरित किया।

लेफ्टिनेंट संगीता के देवर सुशांत ने बताया साल 2016 में उत्‍तराखंड के रानीखेत में शहीद शिशिर को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्‍मानित किया गया। यहीं से संगीता को सेना में जाने की प्रेरणा मिली। ओटीए की परीक्षा पास करने के लिए संगीता ने जीतोड़ मेहनत की थी। कड़ी ट्रेनिंग के बाद अब संगीता, शॉर्ट सर्विस कमीशन में लेफ्टिनेंट बनकर सेना का हिस्‍सा बन गई हैं।

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