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इस बात का बदला लेने के लिए हॉस्पिटल मालिक ने महिला ड्रग इंस्पेक्टर को उतारा मौत के घाट, फिर

नई दिल्लीःपंजाब के खरड़ इलाके में हुई ड्रग्स ऑफिसर नेहा शौरी की हत्या का सोशल मीडिया पर भारी जनआक्रोश देखने को मिल रहा है। लोग जमकर इस घटना का विरोध कर रहे हैं। मालूम हो कि 10 साल पुराी रंजिश के चलते एक शख्स ने जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पद पर तैनात नेहा शौरी की हत्या कर दी।

नेहा ने साल 2009 में आरोपी की दवा की दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया था, जिससे वह नाराज था। बीते 10 साल से उसके जेहन में प्रतिशोध की ज्वाला दहक रही थी और मौका मिलते ही उसने इस घटना को अंजाम दे दिया। लोग सोशल मीडिया पर जमकर इस हादसे की भत्सर्ना कर रहे हैं और जल्द से जल्द उनके लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं।

लोगों ने बताया कि 10 साल पहले बलविंदर का एक केमिस्ट शॉप और फिर अस्पताल सील किये जाने से वह काफी नाराज था। बलविंदर का काम बंद होने से वह नौकरी करने पर मजबूर हो गया था। इस सब घटना से परेशान होकर बलविंदर ने शुक्रवार को डॉ. नेहा के ऑफिस में जाकर उसे गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर जब लोगों ने बलविंदर को पकड़ने के लिए घेरा तो बलविंदर ने अपने आप को ही गोली मार दी। शुक्रवार को डॉ. नेहा रोज की तरह अपने ऑफिस जो दूसरी मंजिल के कमरा नंबर 211 में था वही पंहुची और उस दिन डॉ. नेहा अपनी भतीजी को भी लाई थी। यह घटना सुबह 11-30 बजे हुई। बलविदंर अचानक कमरे मे घुसा और बैग से तुरत अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाल को डॉ नेहा के बाजू और छाती पर गोली चलाकर मौत की नींद सुला दिया ।बलविंदर के रिश्ते दारो ने बताया कि वह कई समय से परेशान था पहले केमिस्ट शॉप और फिर अस्पताल बंद होने से बलविंदर पैसों को लेकर भी काफी परेशान हो गया था। 20 दिन पहले ही बलविंदर ने पिस्टल खरीदी थी। और डॉ. नेहा को गोली मारने के लिए बलविंदर ने नहर के पास कुछ दिन पहले अभ्यास भी किया था।

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