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दबाव का असर पाकिस्तान आतंकी संगठनों को करप रहा है बैन , पुलवामा की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन भी

नई दिल्लीः भारत से बढ़ रहे दबाव और दुनिया की नजरों में अपनी इज्जत बचाने के लिए पाकिस्तान अब आतंकवादियों को हिरासत में लेने का नाटक कर रहा है। जबकि अभी भी पाकिस्तान में आतंक के अड्डे गुलजार हैं। पाकिस्तान जिस तरह से अपने यहां पनपे 70 आतंकी संगठनों पर बैन लगाने की घोषणा कर रहा है। उससे से साफ लगने लगा है कि या तो पाकिस्तान दुनिया के नक्शे पर अपनी आतंकी देश की छवि से बाहर निकलना चाहता है या फिर ऐसे संगठनों को बैन कर उन संगठनों के आकाओं और अन्य आतंकवादियों को अपनी छत्रछाया में सुरक्षित रखने का नाटक कर रहा है। खैर बात जो भी हो लेकिन पाकिस्तान ने 70 संगठनों की सूची जारी की है जिसपर वहां की सरकार ने बैन लगाया है। लेकिन अब चौतरफा कूटनीतिक दबाव के चलते जैश सरगना मसूद अजहर के दो भाई समेत 44 आतंकवादियों को हिरासत में लेने के कुछ ही घंटे के भीतर पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही लश्कर-ए-तैयब्बा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के नाम भी इस सूची में हैं जिस पर पाकिस्तान ने बैन लगाने का फैसला लिया है।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारतीय मीडिया ने सोमवार को खबर दी थी कि ये दोनों संगठन केवल निगरानी वाली सूची में बने हुए हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनसीटीए) की मंगलवार को अपडेटेड सूची के अनुसार, जेयूडी और एफआईएफ उन 70 संगठनों में शामिल हैं जिन पर गृह मंत्रालय ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत पाबंदी लगाई है। मुंबई हमले के गुनहगार आतंकी हाफिज सईद के इन दोनों संगठनों पर से कुछ दिन पहले ही बैन हटाया गया था। हाफिज सईद इन दोनों संगठनों के जरिए करीब 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है। पाकिस्तान में इससे पहले भी कई बार JUD पर बैन की कार्रवाई होती रही है, लेकिन कई बार वो सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा चुका है।

हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित करते हुए उस पर 10 मिलियन डॉलर के इनाम का ऐलान किया था। 2012 में लश्कर पर बैन लगाया गया था। उसके बाद हाफिज ने अपनी आतंकी गतिविधि चलाने के लिए जमात उद दावा और फलाह ए इन्सानियत फाउंडेशन बनाया और इनकी आड़ में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देता रहा। पाकिस्तान की जमीन पर ऐसी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के चलते अमेरिका और यूरोपियन देशों के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने इस पड़ोसी मुल्क को अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। बीते दिनों FATF की बैठक से पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान ने मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर बैन लगाया है, वह झूठी थी। जो लिस्ट सामने आई थी, उससे खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान की सरकार ने इस संगठन पर बैन नहीं लगाया है, बल्कि सिर्फ इन पर निगरानी रखने की बात कही है।

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