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स्कूल प्रेयर के बाद छात्राओं पर चढ़ा ‘भूत’, शिक्षकों के उड़ गए होश

 

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के कठुआ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक सरकारी स्कूल में अचानक कुछ छात्राएं अजीबोगरीब हरकत करने लगीं, जिससे पूरे स्कूल में कोहराम मच गया। बता दें कि कठुआ के बनी में सित्ती हाई स्कूल में सुबह की प्रेयर खत्म होने के बाद छात्राएं क्लास में गईं और जाते ही अजीब हरकत करने लगीं और जोर जोर से रोने भी लगीं। इतना ही नहीं वो जमीन पर छटपटाने लगीं और बचा लो बचा लो कहकर चिल्लाने लगीं।छात्राओं की इस तरह बिगड़ती मानसिक हालत को देखकर स्कूल में कोहराम मच गया और यह सब देख शिक्षकों के हाथ पांव फूल गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इन छात्राओं को हुआ क्या और इसे कैसे सही किया जाए। लेकिन शिक्षकों ने इसका डट के सामना किया और छात्राओं को संभालने की कोशिश में लगे रहे। शिक्षकों ने छात्राओं से पूछा कि   उन्हें क्या तकलीफ हो रही है। लेकिन छात्राओं ने कोई जवाब नही दिया।वहां के लोगों ने बताया कि छात्राएं ऐसा व्यवहार कर रही थीं, जैसे लग रहा हो वो तड़प रही हैं और उनके अंदर कोई है। लोगों का कहना है कि छात्राऐं जमीन पर रेंग रहीं थी और कांप भी रही थीं। इसके बाद स्कूल के कर्मचारियों ने तुरंत इसकी सूचना मुख्य शिक्षा अधिकारी को दी जिसके बाद वो मेडिकल टीम को लेकर स्कूल पहुंचे। मेडिकल टीम ने जब पीड़ित छात्राओं की जांच की तो उन्हें कुछ भी असामान्य नहीं मिला और सभी का स्वास्थ्य सही पाया गया। इसके बाद टीम ने पीड़ित बच्चों की काउंसिलिंग भी की गई। बनी के एसडीएम जोगिंद्र सिंह जसरोटिया ने बताया कि यह मास हिस्टीरिया का मामला लग रहा है। लेकिन जांच के दौरान सभी बच्चे स्वस्थ्य पाए गए। बता दें कि स्कूल में कुल 40-50 ऐसी छात्राएं थीं जिनका व्यवहार अजीब हो गया था।

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मामले के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब एक हफ्ते से बच्चे खासकर छात्राएं अजीब व्यवहार कर रही थीं और इसी प्रकार के कई मामले सामने आए थे। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले भी दो-तीन छात्राओं को ऐसी ही दिक्कत हुई थी। लेकिन शुक्रवार को मामला काफी बिगड़ गया। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने छात्राओं के परिवारवालों को इसकी सूचना दी और उन्हें घर वालों के साथ स्कूल से भेज दिया।

 

बता दें कि खासतौर से 9वीं क्लास की छात्राओं को यह दिक्कत सबसे ज्यादा हुई और उन्हें देखकर दूसरी छात्राएं भी इसी तरह का व्यवहार करने लग गईं। कुछ छात्राएं नाचती रहीं तो कुछ जमीन पर रेंगते हुए रोने लगीं। मामले के बाद परिवारवाले अपनी बेटियों का इलाज करवाने के लिए उन्हें पठानकोट ले गए जहां किसी बीमारी का पता नहीं चल पाया।

 

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