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निरहुआ का अखिलेश पर कटाक्ष, विकास के लिए ‘अखिलेश भक्त नहीं देशभक्ति जरूरी

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बाकी है या फिर यह कहें की लोकसभा चुनाव की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। लोकसभा चुनाव के लिए हर पार्टी ने अपने प्रत्याशी तय कर लिया है और कुछ सीटों पर अपने पत्ते खोल भी दिये है। इस बार चुनाव में मुकाबले काटें का देखा जा रहा है। यही कारण है कि पार्टी अपने सबसे मजबूत उम्मीदवार पर दांव खेल रही है। उत्तर प्रदेश में मामला इस लिए रोचक हो गया है क्योंकि भाजपा ने सपा-बसपा गठबधंन के लिए सबसे बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। भाजपा ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ खड़ा कर दिया हैं।बुधवार को भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अपने 16 उम्मीदवारों की घोषणा करी जिसमें भाजपा ने यूपी की बड़ी सीटों पर अपने दावेदार उतार दिये। एक सीट पर भाजपा ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी। जी हां हम बात कर रहे हैं, आजमगढ लोकसभा सीट की जिसमें सपा से अखिलेश यादव और भाजपा से भोजपूरी स्टार निरहुआ मैदान पर हैं। यही सीट इस लिए भी रोचक हो गई है क्योंकि दोनों पार्टी ने अपने यादव प्रत्याशी उतारे है, जिसके कारण जातिवाद से हटकर वोट मांगने की चुनौती भी उम्मीदवारों के सामने दिख रही है। टिकट मिलने पर दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने भाजपा का धन्यवाद भी दिया। और यादव जाति के सवाल पर कहा कि हर यादव आज मानता है कि वे ‘अखिलेश भक्त’ नहीं हैं, वे ‘देशभक्त’ हैं। हमारे खुद के विचार हैं, हम जानते हैं कि क्या देश के हित में है. हमें जाति से ऊपर राजनीति करनी होगी, लोग इसे समझते हैं।भाजपा ने उत्तर प्रदेश की और भी सभी बड़ी सीट पर अपने दावेदार उतार दिये। मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह उम्मीदवार है, BJP ने मुलायम सिंह के खिलाफ प्रेम सिंह शाक्या को उम्मीदवार बनाया है। वहीं रायबरेली लोकसभा सीट से यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। अमेठी से पहले ही राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा ने पिछले साल की उम्मीदवार स्मृति ईरानी को मौका दिया है। अमेठी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी  केरल की वायनाड सीट से भी दावेदारी कर रहे है, जिसके लिए वह चार मार्च को नामांकन करेगे।

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