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भारतीय क्रिकेटर मनीष पांडे के गांव पहली बार पहुंची बस, खुशी से झूम उठे गांव वाले

देहरादूनः उत्तराखण्ड में आज भी कई ऐसे गांव है जो काफी पिछड़े हुए है। कुछ गांव ऐसे है। जहां आज भी बस नहीं पहुची है। पर उत्तराखंड के भीड़ी गांव मे गुरूवार को पहली बार केएमओयू की बस के दर्शन नसीब हुए। यह गांव इस लिए भी खास है क्योंकि इस गांव का बेटा ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रहे है। जी हां हम बात कर रहे है भारतीय खिलाड़ी मनीष पांडे की। जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर भीड़ी गांव की सड़क को लोनिवि ने दुरुस्त कर दिया है। अलबत्ता बस पहुंचने से करीब 300 गांव लाभांवित होंगे। यही कारण रहा कि भीड़ी गांव के लिए बस का आना जश्न से कम नहीं था। बस के आने पर गांव वालों ने मिठाई भी बांटी।   

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मनीष पांडे के पैतृक गांव भिड़ी में गुरुवार से केएमओयू की बस सेवा शुरू हो गई। जानकारी देते हुए गांव के सदस्य माधवानंद पांडे ने कहा कि लंबी प्रतीक्षा के बाद बस गांव पहुंची है। दफौट क्षेत्र के 300 गांवों के लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। लोग एक दिन में जिला मुख्यालय से लौटा-फेरी कर सकेंगे। वही बस के आने से लोग टैक्सी वालों की मनमानी से भी बच सकते है। 25 किसी जाने के लिए जहां टैक्सी वाले 100 रूपये लेते है। तो वही बस से मात्र 50 रुपये में जा सकेगे। बागेश्वर से दोपहर 2.30 बजे भिड़ी, गुरना को केएमओ की बस प्रस्थान करेगी। दूसरे दिन सुबह 7.15 बजे बस जिला मुख्यालय को रवाना होगी। 

यह बस कई छोटे गांवों को भी एक रूट में जोड़ेगी जानकारी के मुताबिक धरणीधर जोशी, केएमओयू इंचार्ज, बागेश्वर ने बताया कि भिड़ी, गुरना गांव को बस का संचालन शुरू कर दिया गया है। यह बस रूटीन चलाई जाएगी और प्रशासन से भी बस संचालन को लगातार दबाव बना हुआ था। यह खबर खुशी की तो है पर ऐसी खबर सुनकर एक प्रकार दुख भी होता है कि आज कुछ ऐसे भी गांव है जहां बस अभी तक नहीं पहुच पाई है। पर प्रशासन के प्रयासों से कुछ तसल्ली मिलती है।

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