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हरिद्वार की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा, बेटी ने इंसाफ के लिए किया संघर्ष

देहरादूनःपवित्र नगरी कहे जाने वाले शहर हरिद्वार में एक छात्रा को 4 साल बाद इंसाफ मिल पाया। दरअसल 28 सितम्बर 2015 को 10वीं की छात्रा अपने घर से स्कूल के लिए निकली पर देर रात तक घर नहीं लौटी तो हर वालों ने रिश्तेदारों और अपने पड़ोसियों से छात्रा की जानकारी पूछे पर किसी को कुछ नहीं पता नहीं चला।  इसके बाद घर वालों ने पुलिस को गुमशुदगी की तहरीर दी। वही कुछ लोगों ने छात्रा के एक घर मे होने की जानकारी दी। घरवाले और अन्य लोग जानकारी के मुताबिक घर में पहुचे तो वहां छात्रा बेसुध पाई गई और आरोपी फरार था।

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पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को तहरीर दी कि आरोपी बिजेन्द्र पुत्र मनफूल निवासी ग्राम सालापुर कोतवाली देवबंद जिला सहारनपुर उप्र में बहला फुसलाकर ले जाने, रेप और पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने पुलिस और परिजनों को आपबीती में आरोपी युवक पर बंधक बनाकर व जान से मारने की धमकी देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। और पॉक्सो कोर्ट में मुकदमा शुरू हुआ।जिसके बाद करीब 4 साल तक केश चलने के बाद पिड़िता को इंसाफ मिला और आरोपी को 10 साल की कारावास और 60 हजार रूपये के अर्थदंड भी मांगा है। पर इस इंसाफ ने कई सवाल भी खड़े कर दिये है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पीड़िता को 4 साल बात यह इंसाफ मिला की आरोपी को 10 साल की सजा मिली। और क्या पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने के आरोप पर पीड़िता को 4 साल लड़ने के बाद इंसाफ मिल पाया है। यह सबसे बड़ा सवाल है।   

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