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अल्मोड़ा और टिहरी सीट पर फतेह हासिल करने के लिए TSR का नया प्लान, खुद संभाला मोर्चा

देहरादूनः लोकसभा चुनाव में अपनी-अपनी सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियां और नेता चुनाव में जनता को अपनी तरफ करने के लिए रैलियां और जन सभाएं कर रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत वैसे तो पूरे राज्य में प्रचार कर रहे हैं लेकिन उनका फोकस अल्मोड़ा और टिहरी की सीटों पर ज्यादा है। त्रिवेन्द्र रावत टिहरी संसदीय क्षेत्र में चार और अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से रोजाना चुनावी जन सभाएं कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का गृह जनपद होने की वजह से त्रिवेन्द्र रावत अल्मोड़ा की सीट के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। बता दें कि हरीश रावत 1980 से 1989 तक तीन बार अल्मोड़ा के सांसद रह चुके हैं। वहीं 2014 में भाजपा ने अल्मोड़ा सीट में कुछ ही अंतर से जीती थी। मुख्यमंत्री आगामी लोकसभा चुनाव में इन्हीं दो कारणों की वजह से अल्मोड़ा सीट पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। 2014 के इतिहास को एक बार फिर दोहराने के लिए मुख्यमंत्री अल्मोड़ा क्षेत्र में अभी तक तीन जन सभाएं कर चुके हैं और पांच और जन सभाएं प्रस्तावित की गई हैं।
उत्तराखंड की नैनीताल संसदीय सीट इस बार की सबसे हॉट सीट मानी जा रही है। नैनीताल संसदीय सीट से इस बार भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट और कांग्रेस से हरीश रावत चुनाव लड़गें। दोनों ही अल्मोड़ा जिले के हैं और नैनीताल सीट से चुनाव लड़ने के दौरान दोनों नेता प्रचार के लिए सक्रिय हो गए हैं जिसके चलते त्रिवेन्द्र रावत अल्मोड़ा जिले में लगातार सभाएं कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी के नामांकन के बाद वह अल्मोड़ा, स्याल्दे, ताड़ीखेत और टनकपुर में जनसभा कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने गढ़वाल की टीहरी पर भी अपना पूरा फोकस बना रखा है। मुख्यमंत्री ने अब तक टिहरी संसदीय क्षेत्र में चार जनसभाएं कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने 26 मार्च को पुरोला और बड़ोवाला में दो जन सभाएं की और 27 मार्च को उन्होनें टिहरी संसदीय क्षेत्र के घनसाली और कांठ बंगला में भी जनसभाएं को संबोधित किया। बता दें कि मुख्यमंत्री 29 मार्च को धनोल्टी में चुनावी सभाएं करेंगे।

 

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