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DPMI INSTITUTE काठगोदाम: लैब टेक्निशियन के क्षेत्र में अवसर हजार

हल्द्वानी: नैनीताल जिले को शिक्षा हब के रूप में पहचान मिल रही है। देश के विख्यात कॉलेज व विश्वविद्यालय के यहां पर यूनिट के खुलने से पर्वतीय क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा आसानी से मिल पाती है। उन्हें दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। मेडिकल सर्विसेज को लेकर पहाड़ के बच्चे उत्साहित रहते हैं। वह अपने गांव में अच्छी मेडिकल सुविधा के सपने देखते हैं। अब तो छोटे कोर्स भी मौजूद है जो कम पैसों में आपकों रूचि के क्षेत्र में काम दिला सकता है।

DPMI कॉलेज काठगोदाम गौलापार

इसी लिस्ट में आता है लैब टेक्निशियन का कोर्स। यह कोर्स काठगोदाम गौलापार स्थित DPMI INSTITUTE में मौजूद है। इस कोर्स की काफी डिमांड भी है। क्लिनिक और लैब में आधुनिक जांच खुल गई हैं। इससे बीमारी पकड़ने में आसानी रहती है। यहां पर लैब टेक्नीशियंस की जरूरत आजकल बड़े शहरों में ही नहीं, हर छोटे-मझोले शहरों में स्थित सभी मेडिकल लेबोरेटरीज में भी है।

जब हम किसी बीमारी के इलाज के लिए किसी भी हॉस्पिटल या क्लीनिक में जाते हैं तो वहां उपचार से पहले डॉक्टर बीमारी पकड़ने के लिए ब्लड, यूरिन आदि की जांच के अलावा आवश्यकतानुसार एक्सरे, एमआरआइ आदि कराने के लिए कहते हैं। इससे डॉक्टरों को रोगियों का सही इलाज करने में आसानी होती है। यही कारण है कि लैब टेक्नीशियन का महत्व आजकल काफी बढ़ गया है। लैब टेक्नीशियंस द्वारा आधुनिक उपकरणों के जरिए किया गया टेस्ट बीमारी को पहचानने से लेकर उसके इलाज तक में सहायता पहुंचाता है। इसके लिए इन प्रोफेशनल्स को विभिन्न तरह के सैंपल्स की जांच करनी पड़ती है, जैसे कि बॉडी फ्लूड्स, टिश्यू, ब्लड टाइपिंग, माइक्रोऑर्गेनिज्म स्क्रीनिंग, केमिकल एनालिसिस, ह्यूमन बॉडी सेल काउंट टेस्ट इत्यादि। मेडिकल क्षेत्र में इन प्रशिक्षित टेक्नीशियंस को मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमएलटी) भी कहा जाता है।

इस कोर्स की अवधि दो साल की है। DPMI Institute काठगोदाम में कोर्स के तहत युवाओं को बेसिक फिजियोलॉजी, बेसिक बायोकेमिस्ट्री ऐंड ब्लड बैंकिंग, एनाटोमी ऐंड फिजियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, एनवॉयर्नमेंट ऐंड बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट व क्लीनिकल लैब टेक्नोलॉजी जैसे विभिन्न विषयों की जानकारी दी जाती है।कोई भी विद्यार्थी जिसनें इंटर बायो या गणित के साथ किया हो वह इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकता है। कॉलेज की ओर से कोर्स के दौरान ही विद्यार्थियों को हॉस्पिटल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। कोर्स पूरा होने के बाद उनके पास देश के बड़े मेडिकल संस्थानों में काम करने का अवसर भी रहेगा।

रोजगार के सुनहरे अवसर

मेडिकल लैब टेक्नीशियन का कोर्स करने के बाद सरकारी और निजी अस्पताल, क्लीनिक, चिकित्सा रोग विज्ञान प्रयोगशालाओं, अनुसंधान प्रयोगशालाओं या ब्लड बैंक जैसे स्थानों पर जॉब्स मिलने के काफी अवसर रहते हैं। दुनिया के अन्य देशों में भी ऐसे स्किल्ड प्रोफेशनल्स की काफी मांग है। कुछ वर्षों का अनुभव हो जाने पर बतौर रिसर्चर और कंसल्टेंट खुद का लैब भी खोल सकते हैं। दरअसल, अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में जितनी अहम भूमिका एक डॉक्टर निभाते हैं, उसी तरह की भूमिका एक लैब टेक्नीशियन की भी होती है। वह डॉक्टरों के लिए एक सहायक हाथ होता है, जो किसी भी बीमारी के जांच के समय उनकी सहायता करते हैं। इसलिए एक अच्छे लैब टेक्नीशियन होने के लिए आपको इसके बारे में ज्ञान और जानकारी होना आवश्यक है।

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