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सूरत से काठगोदाम आए प्रवासियों की गिनती कम,परेशानी में नैनीताल जिला प्रशासन

सूरत से काठगोदाम आए प्रवासियों की गिनती कम,परेशानी में नैनीताल जिला प्रशासन

हल्द्वानीः दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस राज्य लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। गुजरात के सूरत से सोमवार काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंची स्पेशल ट्रेन में कुमाऊं के 1200 यात्री होने की सूचना दी गई थी। लेकिन रेलवे स्टेशन के गेटों पर दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार यहां सिर्फ 1028 यात्री ही पहुंचे हैं। यात्रियों की संख्या में कमी क्यों आई इसके बारे में अभी तक किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।

बता दें कि प्लेफार्म पर यात्रियों के स्क्रीनिंग कराते हुए बाहर जाने के लिए तीन गेट बनाए गए थे। यात्रियों के डाटा के मुताबिक एक नंबर गेट पर नैनीताल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा होनी थी। वहीं गेट नंबर 2 और 3 में अल्मोड़ा,बागेश्वर,चंपावत और पिथौरागढ़ के लोगों को जाना था। आरपीएफ निरीक्षक रणदीप कुमार का कहना है कि हर कोच के बाहर कड़ी सतर्कता बरती गई।

सूरत में कई यीत्रियों के रेलवे स्टेशन तक नही पहुंच पाने के वजह से उनकी ट्रेन छुट गई। कई लोग सही समय पर रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच सके इसके वजह से उनकी ट्रेन छुट गई। वहीं बागेश्वर निवासी एक युवक कमल का कहना है कि शनिवार को मैसज आया था,इसमें काठगोदाम जाने वाली ट्रेन के बारे में जानकारी दी गई। लेकिन वो वड़ोदरा से सूरत नहीं पहुंच पाया,जिसके चलते उसकी ट्रेन छुट गई। ट्रेन के काठगोदाम पहुंचने पर डीएम सविन बसंल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारियोें ने उत्तराखण्ड प्रवासियों का स्वागत किया। अपने घर वापसी होने पर आने वाले यात्रियों के चेहरे पर खुशी भी देखी गई। इस दौरान सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया गया। वहीं काठगोदाम पहुंचे यात्रियों को मंगलवार को गौलापार बस अड्डे से पहाड़ों के लिए रवाना कर दिया गया। वहीं गिनती में कमी आने के कारण प्रशासन परेशानी में आ गया है।

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