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प्रशासन ने मारा छापा, हल्द्वानी का निजी अस्पताल हुआ सील, लाइसेंस रद्द

हल्द्वानीः प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने कमलुवागांजा रोड पर हनुमान मंदिर के पास रुद्र हास्पिटल एंड नर्सिंग होम पर शनिवार को छापा मारा। जिसमेंं कईं खामियां पकड़ी गईं। बिना मानकों के चलाए जा रहे इस नर्सिंग होम को अवैध मानते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसे सील कर दिया। जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों का पालन न करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही अस्पताल का अस्थायी लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।

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बता दें कि शनिवार को अपराह्न करीब सवा तीन बजे सीएमओ डॉ. भारती राणा, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, सीओ डीसी ढौढियाल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (तृतीय) डा. रश्मि पंत की संयुक्त टीम रुद्र हास्पिटल एंड नर्सिंग होम, कमलुवागांजा पहुंची। नर्सिंग होम के प्रभारी डॉ. विश्वास मौके पर उपस्थित नहीं मिले। टीम को निरीक्षण में अस्पताल में काफी खामियां देखने को मिलीं। सीएमओ डा. राणा के मुताबिक अस्पताल द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन 2016 के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था जिस पर टीम द्वारा हॉस्पिटल पर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है।

हास्पिटल में मौजूद डॉ. नरेश नेगी और अन्य कर्मचारियों से जब पूछताछ की गई तो कोई भी सही से जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद टीम ने क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट अधिनियम के तहत हॉस्पिटल को जारी अस्थायी लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया। डॉ. नरेश सिंह नेगी को निर्देशित किया गया कि वह 11 जनवरी 2020 से नैदानिक सेवाएं प्रदान नही कर सकेंगे। इसके बाद टीम ने मौके पर ही हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। संचालक को निर्देश दिए गए कि हॉस्पिटल में अग्रिम आदेशों तक कोई भी चिकित्सा सेवा हॉस्पिटल द्वारा प्रदान नहीं की जाएगी। अगर हॉस्पिटल द्वारा निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अस्पताल में ये मिलीं खामियांः
– हॉस्पिटल द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन 2016 का पालन नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा था जिस पर टीम द्वारा हॉस्पिटल पर 50 हजार का जुर्माना ठोका गया।
– हॉस्पिटल में आने वाले विजिटिंग डॉक्टरों के अभिलेख उपलब्ध नहीं थे।
– सामान्य नर्सिंग होम जैसी सुविधाएं नहीं पाई गई।
– हॉस्पिटल में तैनात पैरा मेडिकल वर्कर का पंजीकरण उत्तराखंड पैरा मेडिकल काउंसिल से नहीं कराया गया।
– हॉस्पिटल में डॉ. विश्वास के कोई भी अभिलेख टीम को नहीं मिले।
– हॉस्पिटल में सिटीजन चार्टर डिस्प्ले नहीं किया गया था।
– हॉस्पिटल में उपलब्ध डॉक्टरों का ब्योरा डिस्प्ले नहीं था।
– हॉस्पिटल में दी जा रही सेवाओं का डिस्प्ले पर कोई ब्योरा नही दिया गया था।

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