हल्द्वानीः क्षेत्र में तब सनसनी फैल गई जब निवारण नगर मल्ला गोरखपुर स्थित श्री भारतीय त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर परिसर के कमरे में पुजारी ने पंखे से फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी। खुदकुशी के कारणों का पता नही लग सका है।
बता दें कि बागेश्वर जिले के रंगदेव रीमा के रहने वाले 34 वर्ष के भाष्करानंद जोशी पुत्र नंदा बल्लभ जोशी जुलाई 2018 में निवारण नगर मल्ला गोरखपुर स्थित श्री भारतीय त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर में आए थे। रविवार सुबह 6 बजे श्रद्धालु पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे तो पुजारी वहां नही थे। उन्होंने मंदिर परिसर स्थित कमरे में झांका तो पुजारी का शव पंखे से लटका मिला। यह देख सबसे होश उड़ गए। और तुरंत उन्होने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। सूचना मिलने पर कोतवाली के एसएसआई कश्मीर सिंह, चौकी प्रभारी जितेंद्र सोराड़ी, उपनिरीक्षक गुरविंदर कौर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दरवाजे की चिटखनी तोड़कर शव को बाहर निकाला। पुलिस ने बताया कि भाष्करानंद ने धोती का फंदा बनाकर फांसी लगाई थी। कोतवाली पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि पुजारी ने आग लगाने का प्रयास भी किया था क्योंकि गैस सिलिंडर का रेग्यूलेटर खोला गया था। उनके लोवर का पॉकेट भी जला हुआ था। सिलिंडर से रेग्यूलेटर निकाला गया था।
पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। मामले के बाद पुलिस ने भाष्करानंद की छोटी बहन के पति प्रकाश चंद्र जोशी को हल्दूचौड़ से बुलाया। पता चला है कि पुजारी का डेढ़ साल का बेटा भी है। बड़े भाई दीप जोशी और छोटा भाई प्रकाश जोशी गांव में रहते हैं। कोतवाल संजय कुमार का कहना है कि पुजारी ने डिप्रेशन के चलते खुदकुशी की है। पुलिस इस मामले में कारणों की जांच कर रही है। रिश्तेदार प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि शुक्रवार को भाष्करानंद ने उन्हें मोबाइल पर कॉल की थी। प्रकाश ने पुलिस को बताया कि भाष्कर का कई दिनों से मानसिक चिकित्सक से इलाज चल रहा था। भाष्करानंद की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है।
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