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दृष्टिहीन बच्चों के लिए आशा की किरण बनें कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर,पेश की मिसाल

हल्द्वानी। नेशनल एसोसिएशन फ़ॉर द ब्लाइंड्स, नैब, में रह रहे दृष्टिहीन बच्चों के लिए आशा की किरण नजर आई है। सम्भव है कि यहां रह रहे 95 बच्चों में से कुछ इस नए वर्ष में नेत्र ज्योति प्राप्त कर दुनिया को देख सकें। कुमाऊं विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो गिरीश रंजन तिवारी की पहल पर नैना ज्योति संघ के सहयोग से नैब में रविवार 6 जनवरी को विशाल नेत्र शिविर आयोजित किया गया है जिसमें मोदीनगर, गाज़ियाबाद के प्रख्यात नेत्र विशेषज्ञ डा वीके तिवारी तथा एम्स दिल्ली के पूर्व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर रुचिर तिवारी तथा बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ के डा संजय श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ बच्चों का नेत्र परीक्षण करेंगे।

नैब के संचालक श्याम धानिक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ये चिकित्सक जिन बच्चों को नेत्र ज्योति ऑपेरशन से वापस मिलने के लिए चयनित करेंगे उनका निशुल्क ऑपेरशन दिल्ली में कराया जायेगा। धानिक ने बताया कि चयनित बच्चों के ऑपेरशन के पूरे खर्च की व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रो गिरीश रंजन तिवारी ने ली है। धानिक ने इन व्यवस्थाओं के लिए प्रो तिवारी, डॉ वीके तिवारी, डॉ श्रीवास्तव, डॉ रुचिर व नयना ज्योति संघ का आभार जताया है।

इस मुहिम के बारे में प्रोफेसर गरीश रंजन तिवारी ने बताया कि नैब में रह रहे बच्चों में प्रतिभा की कमी बिल्कुल नहीं है। वह भी आम बच्चों की तरह आगे बढ़ने के सपने देखते है और उनका पूरा करने के लिए परिश्रम कर रहे है। आंखों की रोशनी नहीं होने के बाद उनका यह जज्बा पूरे समाज के लिए प्रेरणा का उदाहराण है। हम एक छोटी सी मुहिम शुरू कर रहे है और अगर बच्चों की आंखों की रोशनी वापस आती है तो वो अपनी कर्म से देश का नाम आगे चलकर रोशन कर सकते हैं।

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