Life Style

मौसम में बदलाव से हो सकता है डिप्रेशन :डॉक्टर नेहा शर्मा (क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट)

हल्द्वानी: (SAD ) मौसमी उत्तेजित विकार यह एक तरह का डिप्रेशन है जोकि मौसम में बदलाव के साथ आता है। हल्द्वानी मुखानी स्थित मनसा क्लीनिक की डॉक्टर डॉक्टर नेहा शर्मा (क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट) मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि यह आम तौर पर पतझड़, सर्दियों से गर्मी व गर्मियों से सर्दियों में जब मौसम बलदता है तब होता है। इसका प्रभाव सीधे व्यक्ति के मूड यानी मन पर होता है। इस समय डॉक्टर नेहा रोज ओपीडी में इसी तरह के डिप्रेशन के रोगियों को ज्यादा से ज्यादा मनोवैज्ञानिक उपचार दे रही है। उनके अनुसार इस रोग के कुछ लक्षण इस प्रकार है।

लक्षण- डॉक्टर नेहा शर्मा ने बताया है कि ये कोई अलग प्रकार का विकार नहीं है बल्कि एक प्रकार का डिप्रेशन है, जोकि मौसम के बदलाव के साथ आता है। अगर इस प्रकार का डिप्रेशन करीब 2 साल तक रहें तो इसे भयानक डिप्रेशन माना जा सकता है। मौसमी उत्तेजित विकार (SAD) गैरमौसमी विकार के विपरीत बार-बार होता है।

  1. हर वक्त सुस्ती और कमजोरी महसूस होना
  2. ज्यादा सोना और ज्यादा खाना
  3. वजन बढ़ाना
  4. समाज से दूरी बनाए रखना
  5. नींद कम आना
  6. चिड़चिड़ापन
  7. चिंता ज्यादा करना , नकारात्मक विचार आना
  8. कभी-कभी हिंसात्मक होना
  9. विटामिन डी का कम होना
  10. मूडी होना या उदासी
  11. काम में मन ना लगना

इलाज व थैरेपी

  • साइकोथैरेपी (psychotherapy ) डॉक्टर नेहा शर्मा ने कहा मन के रोगों को ठीक करने में साइकोथैरेपी (psychotherapy ) को पूर्ण रूप से सफल उपचार है। साइकोथैरेपी (psychotherapy ) की मदद नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदला जा सकता है और रोगी का मन अच्छा किया जा सकता है। मन में आने वाले पिछले विचारों को भी हटाया जा सकता है। रिलेक्सेशन थैरेपी के द्वारा चिंता, नींद की कमी, विचारों की अधिकता को कम या खत्म किया जा सकता है।
  • मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग (psychological counselling) इस विकार (रोग) में प्रभावी व कारगर इलाज है, जोकि रोगी को सकारात्मक सोचना, सकारात्मकता, व विचारों, व्यवाहरों में बदलाव पैदा करने में साहयक है, वो मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग व टॉक थैरेपी (TALK THERAPY) इससे SAD के रोगियों को ठीक कर सामान्यता दी जाती है।
To Top