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बेटी ने बढ़ाया देवभूमि उत्तराखण्ड का मान, पीएम मोदी ने भी किया ट्विट और दी बधाई

देहारदून: कामयाबी ने एक बार फिर देवभूमि उत्तराखण्ड का दामन छुआ है। एक बार फिर राज्य अपनी बेटी पर गर्व कर रहा है। कामयाबी इतनी बड़ी है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने तक बधाई देने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला है। पिछले साल दुनिया का चक्कर लगाने के लिए निकली देश की 6 बेटियों ने तूफानी सफर तय करते हुए अपना आखिरी मुकाम हासिल कर लिया है। उनका जहाज तमाम बाधाए पार करते हुए चिली के केपहॉर्न तक पहुंच गया है। बता दे कि INVS तारिणी के जरिए भारत की 6 बेटियों ने अपने सफर की शुरुआत की थी। उत्तराखण्ड के गर्व की बात ये है कि इस दल की कप्तानी राज्य की बेटी के हाथ में थी। पौड़ी के धूमाकोट क्षेत्र के स्यालखेत गांव की रहने वाली वृतिका जोशी ने देवभूमि का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। वर्तिका जोशी भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर है। इस कामयाबी के बाद वृतिका के गांव में भी खुशी का माहौल है। इस यात्रा में वृतिका के अलावा  लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी. स्वाति और लेफ्टिनेंट एस. विजया देवी, बी.ऐश्वर्या और पायल गुप्ता शामिल थी।

आपको बता दे कि  आईएनएस तारिणी नौसेना का महादेई के बाद दूसरा नौकायन पोत है। इसमें कुल मिलाकर 6 पाल लगाए गए हैं। ये पाल मुश्किल हालातों में भी समंदर में सफर करने की ताकत देते हैं। इसे प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सितंबर 2017 में महिला क्रू की सदस्यों ने लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में गोवा से अपनी पहली समुद्री यात्रा शुरू की थी। INVS तारिणी को गोवा के एक्वेरियस शिपयार्ड लिमिटेड में तैयार किया गया है। इसे हॉलैंड के टोन्गा 56 नाम के डिजाइन पर तैयार किया गया है।

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वर्तिका जोशी के पिता पीके जोशी गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रोफेसर है। वही मां अल्पना जोशी राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में हिंदी की विभागाध्यक्ष है। साल 2010 में वर्तिका नौ सेना अधिकारी बनी थी। वर्तिका इससे पूर्व आईएनएसवी महादेई में भी ऐसा ही अभियान पूरा कर चुकी हैं। वर्तिका केपटाउन से कोच्चि तक का सफर  तय कर चुकी है। साल 2015 में गणतंत्र दिवस के दौरान  वर्तिका ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारतीय नारी शक्ति की ताकत भी दिखाई थी। गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में वो अपनी टीम की लीडर थी। साल  2016 में आईएनएसवी महादेई में उनकी टीम ने विशाखापट्टनम से गोवा तीन हजार किलोमीटर की समुद्री यात्रा की। वृतिका ने केवल तीन हफ्तों में अपनी यात्रा पूरी कर लोगों को सकते में डाल दिया था।

इस बार उन्होंने विश्व यात्रा की शुरुआत 10 सितंबर 2017 को की थी। बता दे कि दुनिया में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब 6 महिला नौसेना अधिकारी समंदर के रास्ते दुनिया का चक्कर लगा रही हैं।

 

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