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मंदिर में आठ साल की बच्ची से तीन बार रेप, पुलिसकर्मी भी है दोषी

नई दिल्ली: एक आठ साल की छोटी बच्ची के साथ रेप की घटना ने पूरे देश को झनझोर कर रख दिया है। जिस देश में बच्चियों को पूजा जाता है वहां इस प्रकार की घटना होना केवल इंसानियत मरने की ओर इशारा करता है।  कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ हुई रेप की वारदात ने पूरे भारत को हिलाकर रख दिया। जो बच्ची दर्द की परिभाषा नहीं जानती थी उसे इस दौर से गुजरना पड़ा और उसी मौत हो गई। घटना को पवित्र स्थान मंदिर पर अंजाम दिया गया जहां पर हैवानियत मिटाने के लिए  बच्ची के साथ तीन पर  गैंगरेप किया गया ।

इस मामले की जांच कर रहा पुलिस ने भी अपनी हवस मिटाने के लिए बच्ची के साथ रेप किया। एक आरोपी को ख़ास तौर पर मेरठ से बुलाया गया था। मासूम के साथ गंदा काम करने के बाद उसके सिर पर पत्थरमार मौत के घाट उतार दिया। इस घटना को क्यों अंजाम दिया गया केवल नफरत के लिए। क्या किसी के धर्म को 8 साल की बच्ची से खतरा था। एक मुस्लिम परिवार को हटाने के लिए इंसानियत के नाम पर कलंक लगाया गया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। 18 पेज की चार्जशीट में इन सभी बातों का खुलासा हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार चार्जशीट ये भी सामने आया है कि आरोपी ने 1.5 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर एक पुलिस वाले को दिए जिसे ये पता था की बच्ची को कहां रखा गया है और उसने मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की। इस मामले में आरोपियों को सजा दिलाने के बजाए राजनीतिक दल एक दूसरों पर आरोप लगा रहे है। इस मामले में चार्जशीट दायर करने जा रही टीम के विरोध में वकील उतरकर आए है। पुलिस ने इस बारे में कुछ वकीलों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।

मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में अभी तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें 2 स्पेशल पुलिस अफसर, एक हेड कांस्टेबल, एक सबइंस्पेकटर, एक कठुआ निवासी और एक नाबालिग शामिल हैं। फोरेंसिक जांच में भी सामने आया है कि ये हत्या के पहले उसे मंदिर के भीतर एक हफ्ते तक टार्चर किया गया। गौरतलब है कि इसी वर्ष 10 जनवरी को रसाना गांव से बच्ची रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी. उसका शव सात दिन बाद साथ लगते जंगल से बरामद हुआ था। बकरवाल मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता दस जनवरी को यहां से 90 किलोमीटर दूर कठुआ के रासना गांव के पास के जंगलों में बने अपने घर से गायब हो गई थी। एक सप्ताह बाद उसका शव पास के इलाके से मिला था और मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न का पता चला था. शुरूआती जांच में पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा था। सरकार ने 23 जनवरी को यह मामला राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा था, जिसने 8 साल की बच्ची के अपहरण और हत्या में कथित संलिप्तता को लेकर एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को गिरफ्तार किया था।

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