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कोरोना को कोरोना फोबिया ना बनाए: मनोचिकित्सक नेहा शर्मा

हल्द्वानी: कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में दहशत का माहौल बना दिया है। पूरी दुनिया इस वायरस से लड़ने के लिए शोध कर रही है। उत्तराखंड में अब तक कोरोना के तीन मामले सामने आए हैं। लोगों के कोरोना वायरस को लेकर डर बैठ गया है। इसे फोबिया भी कह सकते हैं। इस विषय पर मुखानी स्थित मनसा क्लीनिक की डॉक्टर मनोचिकित्सक नेहा शर्मा ने बताया कि कोरोना ने लोगों को मृत्यु का भय पैदा कर दिया है, जो कि कोरोना फोबिया व डेंथ एंग्जाइटी बनता जा रहा है। रोजाना 4-5 केस ऐसे क्लीनिक में पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो लोग किसी भी बीमारी बहम या फोबिया से ग्रसित होते हैं, इन लोगों में कोरोना के चलते पैनिक अटैक आ रहे हैं।

डॉक्टर नेहा शर्मा ने कहा कि इस वक्त कोरोना के अलावा वायरल बुखार, सर्दी, जुखाम, खांसी व मौसम के बदलाव के चलते एलर्जी हो रही है। इन लक्षणों को वह कोरोना से जोड़ रहे हैं और खुद को फोबिया की तरफ ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भय से अच्छा है कि हमें सकारात्मक रूप से सावधानी के साथ कोरोना का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह बीमारे से डरे ना, न घबराइये ना ही पैनिक हुए, क्योंकि चिंता, घबराहट, नकारात्मकता व भावुकता से हमारा IMMUNE सिस्टम कमजोर होता है। कोई भी वायरस कमजोर व्यक्ति के शरीर में आसानी से दाखिल हो सकता है। हमारी सोच व सकारात्मकता से IMMUNITY को बढ़ाया जा सकता है।

डॉक्टर नेहा शर्मा ने लोगों से अनुरोध किया कि पब्लिक एरियाज़ पर जाने से परहेज करें, क्योंकि कोरोना व अन्य वायरस लोगों के संपर्क व मिलने से फैलता है। ये संदेश हमें दूसरों तक भी पहुंचाना है। यह हम पैनिक होकर नहीं बल्कि सकारात्मक होकर आसानी से कर सकते हैं।

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