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प्रकाश डेंटल हॉस्पिटल हल्द्वानी : Piezo सर्जरी से निकाला नाक के अंदर पड़ा दांत

हल्द्वानी: दंत चिकित्सा बहुत तेजी से आगें बढ़ रहा है। इससे इलाज में नई संभावनाए भी सामने आ रही हैं। औसतन हर दूसरा व्यक्ति दंत रोग से ग्रस्त है। इसका मुख्य कारण है बाहर का खाना और दांतों की देखभाल ना करना। वक्त रहते दांत का इलाज नहीं कराया जाए तो वो गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकता है।

हल्द्वानी रामपुर रोड स्थित प्रकाश डेंटल हॉस्पिटल (Prakash Dental Hospital) पिछले कई सालों से शहर में अपनी सुविधा दे रहा है। कुछ दिन पूर्व हॉस्पिटल में एक पेचिदा केस सोल्व किया। अल्मोड़ा निवासी एक युवक के नाक के अंदर पड़े हुए दांत को PIEZO सर्जरी के माध्यम से प्रकाश डेंटल के डॉक्टरों ने बाहर निकाला। दरअसल रोगी का दांत सामान्य जगह पर ना होकर नाक की हड्डी से जुड़ा हुआ था।

इस दांत को PIEZO सर्जरी के माध्यम से निकाला गया है। तीन घंटे के जटिल ऑपरेशन में डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने PIEZO मशीन की मदद से हड्डी को काटकर दांत को निकाला। इस बारे में डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के जटिल ऑपरेशन PIEZO सर्जरी से होते हैं। प्रकाश डेंटल हॉस्पिटल में PIEZO सर्जरी की सुविधा साल 2018 से मौजूद हैं। इस मशीन के माध्यम से दाढ़ के दांतों की सर्जरी (Impaction) को बहुत आसानी से निकाला जा सकता है।

क्या है पीज़ो सर्जरी यूनिट ( piezo surgery unit) 

पीज़ो सर्जरी एक स्पेशनल सर्जरी है जिससे पीज़ो इलैक्ट्रिक डिवाइस से किया जाता है। इस डिवाइस को पीज़ो सर्जरी यूनिट कहा जाता है। इस मशीन से केवल उसी भाग को काटा जा सकता है जिसके इलाज के दौरान जरूत हो। यह डिवाइस मुंह के अन्य स्थानों का गर्म होने से बचाता है। इसे टिशू को नुकसान नहीं होता है। यह मशीन का इस्तेमाल सर्जरी, इंप्लांट लगाने के लिए, दांत की हड्डी की ग्राफटिंग करने के लिए तथा  (edentulous ridge जिस भाग में दांत नहीं होते है ) को अलग करने के लिए किया जाता है।  पीज़ो सर्जरी से सर्जरी के दौरान मुंह से निकलने वाले खून के बहाव को कम किया जाता है। इसके अलावा उस सर्जरी में घाव भी जल्दी भर जाते है व हड्डी को नुकसान कम होता है। इन सभी प्रक्रिया में पीज़ो सर्जरी यूनिट ( piezo surgery unit) का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन में एक स्पेशल प्रकार की टिप होती है जो कि एक सीमित ड्रिल के काम आती है। इस मशीन से दांत व अन्य भागों में इंफैक्शन होने का खतरा भी कम रहता है।

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