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इस तरह से जीती जा सकती है नशे के खिलाफ लड़ाई: मनोचिकित्सक डॉ नेहा शर्मा

हल्द्वानी: मौजूदा वक्त में युवाओं को नशा अपनी ओर काफी तेजी से खींच रहा है। यह एक गंभीर समस्या है। एक तरफ हम न्यू इंडिया की रचना की ओर बढ़ रहे है और दूसरी ओर नशा भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है।  युवावर्ग के साथ बड़े बुजुर्ग भी इसकी गिरफ्त में हैं लेकिन सबसे ज्यादा युवा पीड़ी इससे प्रभावित हो रही है।

आज नशे के इस मायाजाल में सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी बड़े पैमाने पर इसका शिकार हो रहीं हैं। बात हल्द्वानी शहर की करें तो  शहर में बिते दिनों में नशे को लेकर बड़े खुलासे किए गए हैं। यह नशा ही है तो युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेलता है। इसके चलते वह चोरी जैसी वारदातों को अंजाम दे रहें हैं। वहीं पिछले दिनों कई युवक और युवतियों के भी नशे की लत में पड़ने के मामले सामने आये हैं।  नशे के कारोबार ने आज पूरे शहर में अपनी जड़ें जमा ली हैं। पुलिस की नाँक के नीचे से नशे के सौदागर लगातार नशे का समान युवाओं तक पहुंचा रहें हैं।

आज का युवा नशा करने को फैशन और बड़े गर्व की बात समझता है। नशे के इस बढ़ते मायाजाल से बचने के लिए मनोचिकित्सक डा. नेहा शर्मा ने युवाओं के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारिया दी हैं।हल्द्वानी मुखानी स्थित डॉ नेहा शर्मा ने जानकारी दी कि हर माता-पिता के लिए उनका बच्चा सबसे प्यारा होता है। माता-पिता अपने बच्चों की सारी ख्वाहिशें पूरी कर देते है चाहें वो सही हो या गलत। बचपन में तो बच्चों की सारी जिद पूरी हो जाती हैं लेकिन बड़े होने पर ऐसा नही होतो तब बच्चें माता पिता से झूठ बोलने लगते हैं।

बचपन में सारी जिदें पूरी होने के कारण वो बड़े होके सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते और धीरे-धीरे वो अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं। डॉ नेहा शर्मा ने बताया कि जो बच्चें नशे की लत में फंस चुके हैं उनका इलाज संभव हैं। विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे बच्चों को बार्डर पर्सनालिटी डिसआर्डर की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे बच्चों को विशेष थैरेपी के जरिये से ठीक किया जा सकता है।

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